Indore Ger 2024: देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर (Cleanest City Indore) में फागुनी मस्ती के माहौल में रंगपंचमी (Rangpanchmi) पर हर साल निकाली जाने वाली होली की विशाल शोभायात्रा जो इंदौरी गेर के नाम से प्रसिद्ध है, उसमें 30 मार्च शनिवार को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री (Chief Minister of Madhya Pradesh) डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) के साथ-साथ हजारों लोग शामिल हुए और त्योहारी उल्लास में डूब गए. ये सभी शहर में गेर की करीब 75 साल पुरानी रंगारंग परंपरा में शामिल हुए. इस दौरान मुख्यमंत्री स्थानीय जन प्रतिनिधियों के साथ एक खुले वाहन में सवार हुए और उन्हें गेर में शामिल लोगों पर पिचकारी से रंग बरसाते देखा गया.
पहले देखिए CM ने क्या कहा?
आज इंदौर में "गेर" में शामिल हो रहा हूँ।
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) March 30, 2024
मेरी ओर से प्रदेशवासियों को रंगपंचमी की हार्दिक बधाई!#DrMohanYadav#CMMadhyaPradesh pic.twitter.com/QKoaGRN1TI
सीएम मोहन यादव ने संवाददाताओं से कहा ‘‘गेर होली खेलने वाले लोगों की वह टोली है जो सबको अपना बनाने के लिए निकलती है.'' उन्होंने कहा कि गेर की गौरवशाली परंपरा विजयोत्सव की प्रतीक भी है. मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ पुराने दौर में अलग-अलग समुदाय के लोग अपने पारंपरिक प्रतीक चिह्नों के साथ दल-बल संग गेर में शामिल होते थे.''
रंग पंचमी के शुभ अवसर पर आज इंदौर के ऐतिहासिक और गौरवशाली "गेर" में सहभागिता की। उल्लास, उत्साह और ऊर्जा से भरा यह उत्सव समस्त प्रदेश एवं देशवासियों के जीवन में खुशियों के नये रंग बिखेरे; सबके जीवन में असीम आनंद हो, यही शुभेच्छा है। मेरी अपनी ओर से समस्त प्रदेशवासियों को रंगपंचमी… pic.twitter.com/5C0CHQAHaQ
— Dr Mohan Yadav (Modi Ka Parivar) (@DrMohanYadav51) March 30, 2024
गेर को यूनेस्को की सूची में शामिल करने के हो रहे हैं प्रयास
अधिकारियों ने बताया कि इंदौर का जिला प्रशासन गेर को मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर के तौर पर यूनेस्को (UNESCO) की सूची में शामिल कराने के लिए प्रयास कर रहा है.
जानकारों ने बताया कि शहर में गेर की परंपरा रियासत काल में शुरू हुई, जब होलकर राजवंश के लोग रंगपंचमी पर आम जनता के साथ होली खेलने के लिए सड़कों पर निकलते थे. उन्होंने बताया कि होलकर शासकों के राज में गेर में बैलगाड़ियों पर लदी कड़ाहियों से बड़ी-बड़ी पिचकारियों के जरिये रंग भरा जाता था और इसे हुरियारों पर बरसाया जाता था.
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