Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के राजगढ़ में महिला पुलिस आरक्षक ही अपने सीनियर अफसर की जान की दुश्मन बन गई. अपने ब्वॉयफ्रेंड के साथ मिलकर एसआई को कार से कुचलकर मौत के घाट उतार दिया, फिर दोनों हत्यारे थाने में पहुंच गए. जहां आकर खुद ही पुलिस को इसकी जानकारी दी. पूरा मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा बताया जा रहा है. इस घटना के बाद पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है.
ये है पूरा मामला
एसआई दीपांकर गौतम बाइक क्रमांक एमपी 33 एमजी 0150 से ब्यावरा देवास हाईवे पर देहात थाने की ओर जा रहे थे. फुंदा मार्केट स्थित पेट्रोल पंप के सामने पीछे से पचोर थाने में पदस्थ आरक्षक पल्लवी की कार क्रमांक एमपी 09 जेडटी 4563 ने जोरदार टक्कर मार दी. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि एसआई उछलकर कार की बोनट और आगे के कांच पर गिरकर सड़क पर गिरे.
देहात थाने में जाकर कार रुकी तो उससे आरक्षक पल्लवी और एक युवक उतरे. पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों ने कहा हमने मार दिया. एसआई को मारने की बात सामने आते ही पुलिस बल वारदात स्थल के निकल पड़ा.
दुकानदारों ने एंबुलेंस से अस्पताल भेजा
कार से टक्कर लगने के बाद जमीन पर पड़े एसआई दीपांकर को लोगों ने अस्पताल पहुंचाया. आसपास के दुकानदारों ने मदद कर मौके से निकल रही एक एंबुलेंस को रुकवाया और सिविल अस्पताल लेकर गए। इस दौरान अस्पताल में देहात थाना प्रभारी गोविंद मीणा, सिटी टीआई वीरेंद्र धाकड़ और पुलिस बल अस्पताल पहुंचा. अस्पताल में डॉ संदीप नारायणे ने प्राइमरी इलाज के बाद भोपाल रेफर कर दिया. रास्ते में ही उन्होंने दम तोड़ दिया.
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अनहोनी का अंदेशा था
महिला आरक्षक की कार से टक्कर मार मौत के घाट उतारे गए सब इंस्पेक्टर दीपांकर गौतम को अनहोनी का अंदेशा हो गया था. वे मंगलवार दोपहर को घर से बाइक लेकर निकले, लेकिन उन्होंने साथी एसआई को कॉल कर बुलाया था.
यह कहानी भी सामने आई
एसआई की हत्या के बाद महिला आरक्षक पल्लवी को लेकर सामने आया है कि ब्वॉय फ्रेंड करण ठाकुर पूर्व में उसे पिस्टल से गोली मार चुका है. गोली पल्लवी के गले के पास से लगकर निकल गई थी. इसके बाद ब्वॉय फ्रेंड ने भी खुद को गोली मारी थी, लेकिन वह भी बच गया था.
जेल भी जा चुके हैं
शिवपुरी जिले के रहने वाले एसआई दीपांकर गौतम सिटी थाने में पदस्थ थे, तब तत्कालीन एसपी ने उन्हें शिकायत के चलते लाइन हाजिर कर दिया था. रुपए मांगने की शिकायत में जांच चल रही है. इससे पहले एसआई गौतम दुष्कर्म के केस में जेल जा चुके हैं. हालांकि वे बाद में आरोप से दोषमुक्त हुए हैं. इसके बाद ही वे पुलिस की सेवा में दोबारा से आ गए थे.
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