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कर्ज में डूबे BJP नेता के बेटे ने रची मौत की झूठी साजिश ,नदी में SDRF की टीम ने 30 KM तक किया था रेस्क्यू

MP News: एक करोड़ रुपये के कर्ज में डूबे बीजेपी नेता के बेटे ने अपनी ही मौत की झूठी साजिश रच डाली. इतना ही नहीं भंडा फूटते देखा तो अपहरण की कहानी पुलिस को सुनाने लगा. लेकिन सारी साजिश का पुलिस ने पर्दाफाश कर दिया. 

कर्ज में डूबे BJP नेता के बेटे ने रची मौत की झूठी साजिश ,नदी में SDRF की टीम ने 30 KM तक किया था रेस्क्यू
पुलिस ने BJP नेता के बेटे को ढूंढ निकाला है.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले में करीब एक करोड़ के कर्ज में डूबे भाजपा नेता के बेटे ने कर्जदारों से बचने के लिए बड़ी साजिश रच डाली. उसने खुद को मृत बताने अपनी कार को कालीसिंध नदी के पुल से नदी में गिराई.  एक सप्ताह तक एसडीआरएफ की चार टीमों ने नदी के तीस किलोमीटर तक तलाश किया. इतना ही नहीं भंडा फूटते देख उसने महाराष्ट्र पुलिस थाने में जाकर अपहरण की कहानी भी रच डाली. लेकिन पुलिस ने उसकी सारी साजिश का पर्दाफाश कर दिया. 

ये है मामला 

राजगढ़ जिले के सारंगपुर की कालीसिंध नदी के पुल से इस माह की पांच तारीख की सुबह पुलिस को एक कार पुल  गिरने की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची. कार मालिक की पहचान जिले के सडावता निवासी भाजपा नेता व जनपद सदस्य महेश सोनी के बेटे विशाल सोनी के रूप में हुई थी. पुलिस को पता चलता है कि भाजपा नेता का बेटा विशाल सोनी किसी काम से रात को सारंगपुर आया था सुबह तक वापस नहीं लौटा.

जानकारी मिलते ही प्रदेश के कौशल एवं तकनीकी राज्यमंत्री गौतम टेटवाल  मौके पर पर पहुंचे. रोते पिता को उसके बेटे को नदी से जल्द तलाश करवाने का आश्वासन दिलाया.

इसके बाद नगरपालिका से लेकर एसडीईआरएफ की टीमों ने एक सप्ताह तक  नदी में 30 किलोमीटर के दायरे तक तलाश की. लेकिन कार में सवार विशाल सोनी नहीं मिला .आखिर पुलिस को परिवार वालों की दिनचर्या व परिवार वालों से लिए गए बयानों में कुछ विरोधाभास होने पर पुलिस को शंका हुई व नदी की तलाश को हटाकर इसे एक साजिश मानकर उस तरफ रुख किया.

पुलिस ने पुल के पास के घटना वाली रात के समय के सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्डिग तलाशी, उसके पिता के मोबाइल की कॉल डिटेल्स निकलवाई. विशाल सोनी की बैंक डिटेल्स निकवाने पर उस पर एक करोड़ रुपये फाइनेंस कंपनियों का लोन व मकान पे लोन लेना पाया गया.

पुलिस ने पिता पत्नी व दोनों भाइयों को शक के दायरे में लेकर गहन पूछताछ की तो परिजनों ने कहा कि उन्हें दो दिन का समय चाहिए ताकि वह विशाल को रिश्तेदारों के यहां तो नहीं है उसको हम तलाश ले . दस दिन बाद परिवार वालों का पुलिस से यह बात कहना इससे पुलिस को पक्का हो गया कि विशाल के बारे में यह सब जानते हैं वह कार के साथ नदी में नहीं गिरा. 

इसके बाद विशाल खुद को  महाराष्ट्र के फ़रदापुर जिला संभाजीनगर पुलिस थाने में अपहरण पीड़ित बताकर पेश हुआ. महाराष्ट्र पुलिस द्वारा सारंगपुर पुलिस को सूचना मिलने पर सारंगपुर से पुलिस टीम गई तो टीम को विशाल ने अपहरण कर जंगल में रखे जाने की बात कही.

पुलिस ने जब उनके पास मौजूद तथ्य दिखाए तो विशाल अपनी असली कहानी पर आ गया. उसने पुलिस को बताया कि उसके द्वारा फाइनेंस करवा कर लिए वाहनों मे ज्यादा नुकसान होने से काफी कर्ज में था. इस कारण यह कदम उठाया ताकि कहीं जाकर कुछ महीने सुकून से रह सकूं. फिलहाल पुलिस द्वारा गुम इंसान कायमी होने से विशाल को परिजनों को सौंप दिया है. 

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