झीरम घाटी पर जेपी नड्डा के बयान से सियासी उफान, भूपेश बघेल ने खोया आपा, बोले- शहीद कांग्रेसी नेताओं का अपमान

Former CG CM Bhupesh Baghel: दरअसल, 25 मई, 2013 को बस्तर जिले की झीरम घाटी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी की ‘परिवर्तन रैली' के काफिले पर हुए एक नक्सली हमले में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत कुल 32 कांग्रेसी नेताओं की मौत हो गई थी.

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FORMER CG CM BHUPESH BAGHEL ATTACKED ON JP NADDA'S STATEMENT ON JHIRAM VALLEY INCIDENT

Political Sparks On JP Nadda Statement: कांग्रेस नेता और पूर्व छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने 2013 के झीरम घाटी नक्सली हमले में मारे गए कांग्रेसी नेताओं को लेकर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के  ताजा बयान को लेकर गहरी नाराजगी जताई है. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री नड्डा को आड़ों हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने अपने बयान से नक्सल हमले में जान गंवाने वाले 32 कांग्रेसी नेताओं की शहादत का अपमान किया है.

दरअसल, 25 मई, 2013 को बस्तर जिले की झीरम घाटी में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी की ‘परिवर्तन रैली' के काफिले पर हुए एक नक्सली हमले में तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल समेत कुल 32 कांग्रेसी नेताओं की मौत हो गई थी.

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भाजपा के 'पर्ची' राष्ट्रीय अध्यक्ष ने शहीदों का अपमान किया

जेपी नड्डा के बयान से खार खाए पूर्व सीएम बघेल ने 'एक्स' पर अपनी नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने लिखा, 'आज फिर एक बार छत्तीसगढ़ आकर भाजपा के 'पर्ची' राष्ट्रीय अध्यक्ष ने झीरम की घटना में अपनी जान गंवाने वाले शहीदों का अपमान किया है. सबसे पहले तो NIA समेत सुरक्षा एजेंसियों को उनसे पूछताछ कर उनके दावों के सबूत मांगने चाहिए.

आप क्यों नहीं षड्यंत्रकारियों का पता चलने देना चाहते थे?

बघेल ने आगे लिखा है, ‘आपको बताना चाहिए कि प्रदेश में कांग्रेस सरकार के समय जब हम चाहते थे कि नक्सली हमले के पीछे षड्यंत्रकारी कौन है, उसका पता लगे, तब आप अदालतों में याचिका लगवाकर जांच को क्यों रोक रहे थे? आप क्यों नहीं षड्यंत्रकारियों का पता चलने देना चाहते थे?

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अपने एक्स हैंडल से जे पी नड्डा को संबोधित करते हुए पूर्व छत्तीसगढ़ सीएम भूपेश बघेल ने नाराजगी जताई और कहा कि, जेपी नड्डा जी, नक्सलियों के हमले में हमने अपने नेताओं की जान गंवाई है. आप सांठ-गांठ का आरोप लगाकर उनकी शहादत का अपमान कर रहे है.'

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नड्डा ने साय सरकार के दो साल पूरे होने पर दिया था बयान

गौरतलब है विष्णु देव साय के नेतृत्व वाली वर्तमान भाजपा सरकार के दो साल पूरे होने पर सोमवार को बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जांजगीर-चांपा जिले में आयोजित एक कार्यक्रम में पहुंचे थे, जहां उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के अंदरूनी लोग ही झीरम घाटी नक्सली हमले को अंजाम देने में शामिल थे, जिसके कारण कांग्रेस नेताओं की हत्या हुई.

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'नक्सलवाद उन्मूलन का रास्ता कांग्रेस ने ही तैयार किया है'

बकौल भूपेश बघेल, आप बताइए कि अब झीरम के कथित हमलावर हिरासत में हैं तो उनसे षड्यंत्र के बारे में पूछताछ होगी? आप नक्सलियों से लड़िए, यह हम सब चाहते हैं. आज जिस रास्ते पर चलकर नक्सलवाद सिकुड़ रहा है, वह रास्ता कांग्रेस की सरकार ने ही तैयार किया है, लेकिन आप उसे दरकिनार क्यों करना चाहते हैं?'

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बघेल ने कहा, ‘नड्डा जी, 15 साल आपकी सरकार रही, तब आपने नक्सलवाद खत्म क्यों नहीं किया? तब तो नक्सली आदिवासियों को मार रहे थे, जिससे 700 गांव खाली हो गए थे और डॉ रमन सिंह जी तो सुरक्षा सलाहकार केपीएस गिल से कह रहे कि वेतन लो और मौज करो.'

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‘परिवर्तन रैली' में नक्सली हमले में मारे गए थे 32 कांग्रेसी नेता

उल्लेखनीय है गत 25 मई, 2013 को बस्तर जिले की झीरम घाटी में छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी की ‘परिवर्तन रैली' के दौरान नक्सलियों द्वारा नेताओं के काफिले पर हमला किया गया था, जिसमें तत्कालीन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नंद कुमार पटेल, पूर्व नेता प्रतिपक्ष महेंद्र कर्मा और पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ल समेत 32 लोग मारे गए थे.

हादसे की जांच के लिए भाजपा ने गठित हुआ था न्यायिक आयोग

घटना के बाद दर्ज प्राथमिकी के बाद एनआईए ने जांच अपने हाथ में ले ली थी. एजेंसी ने सितंबर 2014 में जगदलपुर में एनआईए अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था और डा.रमन सिंह के नेतृत्व वाली तत्कालीन भाजपा सरकार ने एक न्यायिक आयोग का गठन किया था और आयोग ने नवंबर, 2021 में अपनी रिपोर्ट राज्य के राज्यपाल को सौंपा था.

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साल 2021 में जब न्यायिक आयोग ने राज्यपाल को रिपोर्ट सौंपी तब सीएम भूपेश बघेल थे. उन्होंने रिपोर्ट राज्य सरकार के बजाय राज्यपाल को सौंपने पर सवाल उठाया था. बघेल द्वारा यह भी दावा किया था कि रिपोर्ट 'अधूरी' लगती है. तब रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की गई थी.

कांग्रेस सरकार ने गठित न्यायिक आयोग का पुनर्गठन किया

तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उसी न्यायिक आयोग का बाद में पुनर्गठन किया और उसका कार्यकाल बढ़ा दिया. बाद में 2022 में, छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने भाजपा के वरिष्ठ नेता धरमलाल कौशिक की याचिका पर तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा पुनर्गठित आयोग की कार्यवाही पर रोक लगा दी थी.

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