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Rain Update: विदिशा-सीहोर में बारिश ने दिलाई गर्मी से राहत, ओलावृष्टि ने बढ़ाई टेंशन

Rain in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के विदिशा और सीहोर जिलों में सोमवार को मौसम ने अचानक करवट ली, जिससे तेज आंधी के साथ बारिश हुई और कई जगहों पर ओले गिरे. इस बारिश ने गर्मी से राहत तो दिलाई, लेकिन खेतों में खड़ी फसलों को नुकसान होने की संभावना है.

Rain Update: विदिशा-सीहोर में बारिश ने दिलाई गर्मी से राहत, ओलावृष्टि ने बढ़ाई टेंशन

Rain & Hailstorm: भीषण गर्मी से मध्य प्रदेश के एक इलाके को राहत मिली है. सीहोर और विदिशा जिले में सोमवार को मौसम ने अचानक करवट ली. इससे तेज आंधी के साथ बारिश हुई. इसके अलावा कई जगहों पर ओले भी गिरे हैं. राजधानी भोपाल समेत कई जिलों में सोमवार को तापमान 43 डिग्री सेल्सियस के पार पहुंच चुका था.

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तेज हवाओं और बारिश ने एक ओर जहां गर्मी से राहत दी, वहीं दूसरी ओर खेतों में खड़ी फसलों और ग्रामीण इलाकों में मकानों के लिए यह बदलाव चिंता लेकर आया.

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शमशाबाद और करारिया में भारी असर

विदिशा जिले की शमशाबाद तहसील और करारिया, नीमखेड़ा सहित कई ग्रामीण क्षेत्रों में तेज हवा और ओलावृष्टि देखने को मिली. शमशाबाद में ओले गिरने के दृश्य कई ग्रामीणों के लिए चौंकाने वाले थे. खेतों और खुले स्थानों में रखी फसलों पर ओलों की मार देखी गई, जिससे ग्रामीणों में चिंता का माहौल है.

इसी के साथ तेज आंधी की वजह से नीमखेड़ा और करारिया गांव में दो स्थानों पर आग लगने की घटनाएं भी सामने आई. मकानों के पास सूखी घास और कचरे में चिंगारी से आग भड़क गई, जिससे दो घरों का सामान जलकर राख हो गया. हालांकि किसी तरह की जनहानि नहीं हुई, जो राहत की बात मानी जा रही है.

तीन दिनों से बदल रहा है मौसम

विदिशा सहित आसपास के क्षेत्रों में बीते तीन से चार दिनों से मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है. कभी धूप तो कभी तेज हवाएं और अब अचानक बारिश और ओले. यह बदलाव खेती और सामान्य जनजीवन दोनों के लिए अनिश्चितता का कारण बन रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि पश्चिमी विक्षोभ और स्थानीय हवाओं के टकराव के चलते यह मौसमीय उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है.

फसल की गुणवत्ता पर असर की आशंका

हालांकि यह बारिश बहुत लंबी नहीं रही, लेकिन खेतों में खुले में रखी फसलें ओलों और नमी के संपर्क में आईं तो उनकी गुणवत्ता पर असर पड़ सकता है. इससे किसानों को मंडियों में उचित दाम मिलने में परेशानी हो सकती है.

ग्रामीण जीवन पर असर

कई ग्रामीण इलाकों में बिजली आपूर्ति बाधित हुई, जिससे मोबाइल नेटवर्क और पेयजल आपूर्ति भी प्रभावित हुई. कुछ ग्रामीणों ने बताया कि पक्की छतों के छप्पड़ तक उड़ गए और कई कच्चे घरों की छतों को नुकसान पहुंचा. अचानक आए इस मौसमी बदलाव ने गांवों में भय और सतर्कता दोनों का माहौल बना दिया.

विशेषज्ञों की मानें तो जलवायु परिवर्तन का प्रभाव धीरे-धीरे प्रदेश के मौसम चक्र को प्रभावित कर रहा है. इससे ना सिर्फ खेती, बल्कि संपूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर असर देखने को मिल सकता है.

सीहोर में भी तेज बारिश, पड़े ओले

सीहोर जिले में भी तेज आंधी और बारिश का असर दिख रहा है. रविवार रात के बाद सोमवार दोपहर में तेज हवाओं के साथ बारिश हुई, जिससे जनजीवन पर असर पड़ा. सीहोर शहर में 1 घंटे तक बारिश का सिलसिला जारी रहा तो वहीं, 15 मिनट तक चने के आकार के ओले गिरे. इछावर, आष्टा ओर अन्य क्षेत्रों में भी बारिश हुई. आंधी और बारिश के कारण कई जगह  बिजली के तार टूट गए तो कहीं खभे भी गिर गए. इसके अलावा कच्चे घरों को भी नुकसान पहुंचा है.

शासकीय कृषि कॉलेज के मौसम वैज्ञानिक डॉ. एसएस तोमर के अनुसार, यह स्थिति 7 मई तक बनी रह सकती है. उन्होंने बताया कि वेस्टर्न डिस्टर्बेंस और ज्यादा तापमान की वजह से बारिश की संभावना बनी हुई है.

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