
Congress Jai Hind Sabha : भारतीय जनता पार्टी की सिंदूर यात्रा के जवाब में कांग्रेस द्वारा जबलपुर में आयोजित की जा रही 'जय हिंद सभा' अब कांग्रेस की गुटबाजी का प्रतीक बनती जा रही है. यह सभा 31 मई को होगी. इस में बड़े-बड़े दिग्गजों के आने की जानकारी पहले दी गई थी.सभा की शुरुआत में इसे एक बड़ी राजनीतिक रैली के रूप में प्रचारित किया गया था, जिसमें राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, कमलनाथ और उमंग सिंगार सहित राष्ट्रीय और प्रदेश स्तर के तमाम वरिष्ठ नेताओं के शामिल होने की घोषणा की गई थी.
वहीं, तरुण चुग (राष्ट्रीय महासचिव भारतीय जनता पार्टी) ने कांग्रेस की 'जय हिंद सभा' पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी को बिल्कुल आना ही नहीं चाहिए. क्योंकि कांग्रेस ने ऐसा कोई काम नहीं किया, जिससे जनता की आंखों में आंख डालकर बात कर सकें.
अब सभी बड़े नेताओं के न आने की खबरें आ गई, अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार, राहुल और प्रियंका गांधी का दौरा पूरी तरह से रद्द कर दिया गया है, अब केवल कमलनाथ और उनके समर्थित कुछ खास नेता ही कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. जय हिंद यात्रा को लेकर सौरव नाती शर्मा जबलपुर नगर अध्यक्ष कांग्रेस ने NDTV से बात की और आयोजन को लेकर जानकारी दी.
आंतरिक खींचतान खुलकर सामने आ गई
सभा से पहले ही कांग्रेस की आंतरिक खींचतान खुलकर सामने आ गई है. शहर में लगे पोस्टरों और बैनरों में कहीं राज्यसभा सांसद विवेक तंखा की तस्वीर नदारद हैं, तो कहीं कांग्रेस की नगर अध्यक्ष या ग्रामीण अध्यक्ष की फोटो ही नहीं हैं. पोस्टरबाज़ी में केवल कमलनाथ खेमे के नेताओं को प्रमुखता देने की प्रवृत्ति ने अन्य गुटों को नाराज़ कर दिया है.
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कमलनाथ की तस्वीरें प्रमुखता से दिखाई दे रही
पूरे शहर में लगाए गए अधिकतर पोस्टरों में कमलनाथ की तस्वीरें प्रमुखता से दिखाई दे रही हैं, जिससे पार्टी में एकतरफा नेतृत्व के आरोप लगने लगे हैं. नेतृत्व के अभाव और संगठनात्मक समन्वय की कमी के चलते कांग्रेस का यह आयोजन अपनी मूल भावना और ताकत खोता नजर आ रहा है.
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