18th installment of PM Kisan Samman Nidhi Yojana: पीएम-किसान (PM-Kisan Samman Nidhi) योजना दुनिया की सबसे बड़ी डीबीटी योजनाओं में से एक है. इस योजना में देश भर के किसान परिवारों के बैंक खातों (Bank Accounts) में प्रति वर्ष 6,000 रुपये का वित्तीय लाभ तीन किस्तों में डीबीटी यानी सीधे बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करके दिया जाता है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जून 2024 में वाराणसी से पीएम-किसान के तहत लगभग 20,000 करोड़ रुपये की 17वीं किस्त जारी की थी. वहीं अब पीएम किसान निधि की 18वीं किस्त महाराष्ट्र के वाशिम से पूरे देश के किसानों के खाते में 5 अक्टूबर को ट्रांसफर की जाएगी. केन्द्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की 18वीं किश्त जारी करने और केंद्रीय कैबिनेट द्वारा कृषि से संबंधित लिये गये दो महत्वपूर्ण फैसलों को लेकर भोपाल से कई जानकारी साझा की है.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी कल महाराष्ट्र के वाशिम से किसानों के खाते में 'पीएम किसान सम्मान निधि योजना' की 18वीं किस्त डालेंगे।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 4, 2024
देशभर के लगभग 9.4 करोड़ लाभार्थी किसानों को ₹20 हजार करोड़ से अधिक की राशि हस्तांतरित की जाएगी। pic.twitter.com/eDI2yIKFJP
किसानों को सही दाम दिलाने के लिए हो रहे हैं काम : शिवराज
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि पिछले 120 दिनों में किसानों के कल्याण के लिए समर्पित मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनेकों किसान हितैषी फैसले किये हैं और आगे भी यह जारी रहेंगे. हमारी छह सूत्रीय रणनीति- उत्पादन बढ़ाना, उत्पादन की लागत घटाना, उत्पादन के ठीक दाम देना, प्राकृतिक आपदाओं से हुए नुकसान की भरपाई करना, कृषि का विविधिकरण, वैल्यू एडिशन और प्राकृतिक खेती है. किसानों को ठीक दाम मिलें इसके लिए पिछले दिनों कुछ बड़े निर्णय लिये गये हैं.
किसानों के कल्याण के लिए समर्पित मोदी सरकार ने पिछले 120 दिनों में किसान हितैषी अनेक फैसले लिए हैं। pic.twitter.com/RXceHieHG8
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) October 4, 2024
शिवराज सिंह बताया कि बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क लगा हुआ था जिसके कारण निर्यात महंगा हो गया था. बासमती चावल के निर्यात पर न्यूनतम निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया गया है. ग़ैर बासमती चावल के निर्यात पर प्रतिबंध भी हटा लिया है जिसके कारण भी किसानों को धान के दाम बेहत्तर मिलेंगे. प्याज़ पर निर्यात शुल्क 40% था उसे भी 20 % कम कर दिया गया है. ये सभी फैसले इसलिए किये गये हैं कि किसान को ठीक दाम मिल सके.
आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी के नेतृत्व में कल कैबिनेट की बैठक में ₹1,01,321.61 करोड़ की लागत की पीएम राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (पीएम-आरकेवीवाई) और कृषोन्नति योजना (केवाई) को मंजूरी दी है।
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इससे अन्नदाताओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ ही खाद्य सुरक्षा को और मजूबती… pic.twitter.com/9z4TAn3lmQ
कैबिनेट के निर्णय पर क्या बोले कृषि मंत्री?
कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्रीय कैबिनेट ने कल खाद्य तेलों को लेकर बड़ा फैसला किया है. 10 हजार 1 सौ तीन करोड़ 38 लाख रूपये की लागत से राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन तिलहन बनाया गया है. देश में खाद्य तेलों का उत्पादन काफी कम होता है. आईसीएआर-ICAR द्वारा बनाये जाने वाले ब्रीडर सीड - उन्नत बीज, सर्टिफाइड सीड, फाउंडेशन सीड किसानों को मुफ्त में उपलब्ध कराये जायेंगे. इसके लिए पूरे देश में 600 कलस्टर बनाये जायेंगे. 21 राज्यों के 347 ज़िलों में जहां ऑयल सीड-तिलहन का उत्पादन होता है उन्हें विशेष रूप से शामिल किया गया है. इन कलस्टर में किसानों को मुफ्त में बीज, नई तकनीक द्वारा अधिक उत्पादन की ट्रेनिंग और किसानों के उत्पादन की 100 फीसदी खरीद की जायेगी. इस मिशन के अन्तर्गत इस तरह की सुविधायें दी जायेंगी. पूरे देश में हर साल 10 लाख हेक्टेयर में तिलहन की खेती की जायेगी. हर साल ये 10 लाख हेक्टेयर का क्षेत्र बदला जायेगा. 7 सालों में लगभग 70 लाख हेक्टेयर क्षेत्र इस योजना के अन्तर्गत लिया जायेगा.
कृषि मंत्री चौहान ने बताया कि किसानों के हित व खाद्य सुरक्षा की रक्षा करने के लिए कैबिनेट ने कल 1 लाख करोड़ रूपये की एक और योजना को मंजूरी दी है. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और कृषि उन्नत योजना बनाई गई हैं. इन योजनाओं में कुल मिलाकर 1 लाख 1 हजार 321 करोड़ 61 लाख रूपये खर्च होंगे. प्रधानमंत्री राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत मृदा स्वस्थ प्रबंधन, वर्षा आधारित क्षेत्र का विकास, कृषि वानिकी, परंपरागत कृषि को बढ़ावा देना, फसल अवशेष प्रबंधन, कृषि का यंत्रिकरण, पर ड्रॉप मोर क्रॉप, क्रॉप डायवर्सिफिकेशन-फसल विविधिकरण, कृषि र्स्टाअप के लिए निधि शामिल है. कृषि उन्नत योजना में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन, राष्ट्रीय खाद्य तेल मिशन, एकीकृत बागवानी विकास मिशन, कृषि विस्तार पर उप मिशन, कृषि विपणन के लिए एकीकृत योजना, डिजिटल कृषि मिशन और कृषि जनगणना अर्थशास्त्र और सांख्यिकी इस पर भी एकीकृत योजनायें बनेंगी. उन्होंने कहा कि इन योजनाओं को लचीला रखा गया है. राज्य अपनी सुविधा के अनुसार किसी भी योजना को ले सकते हैं और उसमें पैसा लगा सकते हैं और इन सभी योजनाओं के लिए स्वीकृति भी एक बार में ही हो जायेगी. इन योजनाओं से उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आय भी बढ़ेगी, साथ ही खाद्य सुरक्षा को भी सुनिश्चित करेंगे.
हेराफेरी नहीं हो सकेगी : कृषि मंत्री
शिवराज सिंह ने बताया कि डिजिटल कृषि मिशन के बहुत फायदे होंगे. इससे रिकॉर्ड में हेराफेरी नहीं हो सकेगी, रिमोट सेंसिंग के माध्यम से फसल के नुकसान का आंकलन होने से फसल बीमा योजना का पूरा लाभ मिलेगा. किसानों को डिजिटल माध्यम से जितना लाभ दिया जा सकता है उतना देने के प्रयत्न जारी हैं. स्वयं सहायता समूह की दीदीयों को ड्रोन दिये गये हैं. ड्रोन में बैटरी जल्दी खत्म होने की समस्या आ रही है तो उन्हें अब ड्रोन की 5 बैटरी दी जायेंगी.
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