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पहले PM Awas योजना के तहत दिया आशियाना, अब अवैध बताकर 54 मकानों को ढहाने का थमा दिया नोटिस

PM Awas Yojana: 54 परिवारों के आवास योजना के अंतर्गत बने मकानों को अवैध बताया गया है, जिसके बाद से ग्रामीणों में चिंता का माहौल है, इन्हें सरकार की ओर से आवास योजना के अन्तर्गत 1 लाख 20 हजार रुपये और 15 हजार रुपये राशि कुल मिलाकर 1 लाख 35 हजार रुपये मकान बनाने के लिए दिए गए थे. लेकिन अब इन आवासों को अवैध बताया जा रहा है.

पहले PM Awas योजना के तहत दिया आशियाना, अब अवैध बताकर 54 मकानों को ढहाने का थमा दिया नोटिस
PM Awas का मिला लाभ फिर भी आशियाने को बता दिया अवैध; 54 परिवारों की उड़ी नींद, प्रशासन ने थमाया नोटिस

PM Awas Yojana Beneficiary: तहसील कार्यालय से निकले एक नोटिस ने बड़वानी जिले के तलुन खुर्द गांव के 54 गरीब परिवारों की नींद उड़ा दी है. नोटिस में लिखा गया है कि इन परिवारों ने सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा किया है, जल्द ही मकान खाली करें. दरअसल, जिन मकानों को अब अवैध बताया जा रहा है, वे प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने हैं. ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने मजदूरी कर कुछ पैसा जोड़ा और सरकार से मिले 1.35 लाख रुपये मिलाकर मकान बनाए. अब प्रशासन इन्हें हटाने की तैयारी में है. ग्रामीणों ने सवाल उठाया कि यदि यहां रहना ही अवैध था, तो आवास योजना की राशि क्यों दी गई?

क्या है मामला?

खेल स्टेडियम के पास वर्षों से बसे इन परिवारों में दहशत का माहौल है. छोटे-छोटे बच्चों व बुजुर्गों के साथ परिवार जनसुनवाई और जनप्रतिनिधियों के चक्कर लगा रहे हैं. उनका कहना है – “हम गरीब लोग कहां जाएंगे? सड़क पर आना पड़ेगा तो बच्चे कैसे पलेंगे?”

54 परिवारों के आवास योजना के अंतर्गत बने मकानों को अवैध बताया गया है, जिसके बाद से ग्रामीणों में चिंता का माहौल है, इन्हें सरकार की ओर से आवास योजना के अन्तर्गत 1 लाख 20 हजार रुपये और 15 हजार रुपये राशि कुल मिलाकर 1 लाख 35 हजार रुपये मकान बनाने के लिए दिए गए थे. लेकिन अब इन आवासों को अवैध बताया जा रहा है. 

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि सरकार ने हमारे मकानों की जमीन को अब अवैध बताया है. छोटे-छोटे बच्चों और परिवार को लेकर कहां जाएंगे? कार्यवाही को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई में भी गुहार लगाई थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला है. गौर करने वाली बात यह है कि जब ग्रामीणों के नाम से जमीन ही नहीं थी तो इन्हें आवास योजना के लिए सरकारी खजाने से 1 लाख 35 हजार रुपये कैसे दे दी गई. यदि सरकार द्वारा जारी आदेश की बात करें तो इन 54 मकानों को हटाने पर सरकार को लगभग 7 लाख रुपये से अधिक का नुकसान होगा.

अधिकारियों ने बात करने से किया इनकार

इस मामले में संबंधित अधिकारी से NDTV ने बात करने के लिए संपर्क किया लेकिन उन्होंने यह कहकर टाल दिया कि मैं इस मामले में बोलने के लिए अधिकृत नहीं हूं.

विधायक ने लगाए ये आरोप

वहीं विधायक राजन मंडलोई का आरोप है कि "यह सिर्फ गरीबों को परेशान करने के लिए किया जा रहा है, जब भी राजस्व का आवश्यकता होती है तो इस तरीके की नोटिस भेज कर गरीबों को परेशान किया जाता है. यहां लगभग 54 परिवार रह रहे हैं, जिसमें 48 परिवार को नोटिस मिला है. यह परिवार कहां जाएंगे, क्योंकि इस गांव में इतनी जमीन भी नहीं है कि उनको कहीं बसाया जा सके."

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