MP में पेसा मोबिलाजर्स ने लगाई गुहार, कहा-साहब! चार हजार मानदेय में नहीं हो रहा परिवार का भरण-पोषण, कुछ हमारे ऊपर भी दया कीजिए......

Shahdol: पेसा एक्ट लागू होने के बाद आदिवासी ब्लॉकों के प्रत्येक ग्राम पंचायत में पेसा मोबिलाइजर की नियुक्ति हुई थी. ग्राम सभा में पेशा संबंधित गतिविधियों के लिए कोई सुविधा नहीं मिलती. इसको लेकर सभी पेसा मोबिलाजर्स नाराज है. 

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पेसा के मोबिलाइजर्स ने की कलेक्टर से अपील

PESA Act: मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने नवंबर 2022 में बड़े जोर शोर से एमपी पंचायत अनुबंध (अनुसूचित क्षेत्रों पर विस्तार) अधिनियम 2022, यानी पेसा एक्ट (PESA Act) लागू किया था. प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लाकों (Scheduled Tribes) के प्रत्येक ग्राम पंचायत में पेसा ग्राम सभा के क्रियान्वयन के लिए पेसा मोबिलाजर (PESA Mobilizers) की नियुक्ति की गई थी. काम में लगे पेसा मोबिलाइजर का आरोप है कि उन्हें मात्र चार हजार रुपये मानदेय दिया जा रहा है. 

इतने में कैसे होगा घर का पालन

मात्र चार हजार रुपये में इनके परिवार का भरण पोषण नहीं हो पाता है. इन्हें ये मानदेय भी नियमित हर माह नहीं मिल पाता है. ग्राम सभा में पेसा की गतिविधियों के अलावा इनसे पंचायत की सभी सरकारी योजनाओं में भी काम लिया जाता है. KYC ऑन लाइन फीडिंग भी कराई जाती है. जिसके लिए ये सारा काम खुद के मोबाइल से करते है और इन्हें खुद अपने पैसे से रिचार्ज कराना पड़ता है. इंटरनेट सुविधा, कम्प्यूटर या टैब, इन लोगों को किसी प्रकार की सुविधा नहीं दी जाती है. 

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नहीं दी जाती कोई सुविधा

पेसा ग्राम सभा के संचालन के लिए भी आवश्यक सामग्री स्टेशनरी, चटाई, दरी, प्रचार-प्रसार के लिए स्पीकर, साउंड सर्विस भी उपलब्ध कराने के लिए भी पेसा मोबिलाजर्स गुहार लगा रहे हैं. सभी पेसा मोबिलाजर कलेक्ट्रेट पहुंचे और अपनी मांगों को लेकर एक ज्ञापन भी दिया.

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