
जम्मू-कश्मीर एक बार फिर आतंक की चपेट में है. मंगलवार को आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाया. अंधाधुंध फायरिंग में 26 लोगों की जान चली गई. यह हमला न सिर्फ मासूम जिंदगियों पर वार है, बल्कि कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ कहे जाने वाले पर्यटन पर भी गहरा असर डालेगा. इस घटना ने उन सभी लोगों के मन में डर भर दिया है, जो आज या आने वाले दिनों में कश्मीर घूमने का सपना देख रहे थे.
कश्मीर, जो हाल के वर्षों में पर्यटकों की पसंदीदा जगह बन गया था, अब फिर से डर और दहशत के साए में है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद सरकार ने घाटी में विकास और शांति बहाली की दिशा में अहम कदम उठाए थे. इसका असर भी दिखा, पर्यटन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई थी.

इस बार लगभग 3 करोड़ लोग जाने को थे कश्मीर
2022 में जम्मू-कश्मीर 1.89 करोड़ पर्यटक घूमने गए थे. 2023 में 2.11 करोड़ और 2024 में 2.35 करोड़ गए. वहीं, 2025 में पर्यटकों की अनुमानित संख्या 3 करोड़ थी, लेकिन इस हमले ने कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को गहरा झटका दिया है. श्रीनगर जाने वाले 10% पर्यटकों ने अपनी फ्लाइट्स और होटल बुकिंग रद्द कर दी हैं. बाय रोड जाने वालों में 99% ने या तो बुकिंग कैंसिल कर दी है या किसी अन्य हिल स्टेशन की ओर रुख कर लिया है.
एमपी के हजारों लोगों ने टाला दौरा
मध्य प्रदेश के करीब 4,000 से अधिक लोगों ने कश्मीर का दौरा टाल दिया है. भोपाल में 60 ग्रुप, इंदौर में 73 ग्रुप, जबलपुर में 24 ग्रुप और ग्वालियर में 30 ग्रुप ने बुकिंग कैंसिल कर दी है.
ट्रैवल एजेंट सुशील पाली ने बताया कि लोगों के मन में डर है. कई बुकिंग्स रद्द हो रही हैं. जो मई में जाने वाले थे, वो अब सीधे टूर कैंसिल कर रहे हैं या हिमाचल और उत्तराखंड की तरफ जा रहे हैं.
पर्यटक जया सिंह चौहान ने बताया कि हमले के बाद से मन बहुत व्याकुल है. मैं 20 दिन बाद परिवार के साथ कश्मीर जाने वाला था, लेकिन अब नहीं जाऊंगा. टूर कैंसिल कर दिया है. अगले दो-तीन साल तक भी कश्मीर जाने की हिम्मत नहीं कर पाऊंगा.
कश्मीर की अर्थव्यवस्था का बड़ा हिस्सा पर्यटन पर आधारित है. गर्मी के चार महीनों में होटल, ट्रांसपोर्ट, गाइड और अन्य सेवाएं देने वालों की सालभर की कमाई हो जाती थी. अब यह हमला उनके रोजगार पर भी प्रश्नचिन्ह खड़ा कर रहा है.