Kuno National Park Shivpuri : मध्य प्रदेश वाइल्ड लाइफ पीसीसीएफ अधिकारी ने सूचना के अधिकार के तहत एक आवेदक को कूनो से जुड़ी जानकारी मांगने पर जो तर्क दिया उसके बाद उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. ये पूरा मामला कूनो चीता परियोजना से जुड़ा हुआ है. आवेदन के सवाल का जवाब देते हुए पीसीसीएफ अधिकारी ने कहा- कूनो चीता परियोजना की जानकारी देना राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा है. इसके बाद ये मामला प्रदेश सूचना आयुक्त के पास पहुंच गया.
पेशी की तारीख 11 मार्च तय की है
फैसले के खिलाफ सूचना आयोग में याचिका दायर की गई, तो प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त ने याचिका स्वीकार करते हुए पीसीसीएफ और एपीसीसीएफ को पेशी पर बुलाया है. मुख्य सूचना आयुक्त विजय यादव ने पेशी की तारीख 11 मार्च तय की है. चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन शुभ रंजन सेन को पेश होने का आदेश दिया है. नोटिस देने का यह मामला सूचना के अधिकार अधिनियम के तहत चीता परियोजना से संबंधित जानकारी छुपाने से जुड़ा है.
आवेदक ने 25 जुलाई को मांगी थी जानकारी
आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे राज्य सूचना आयोग में याचिका लगाते हुए कहा था कि चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन शुभ रंजन सेन ने लोक सूचना अधिकारी वन्य प्राणी मुख्यालय के अधिकारों में अवैध दखल देते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया है. राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया है. अजय दुबे ने सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी 25 जुलाई 2024 को आवेदन देकर मांगी थी.
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जानें क्या है प्रोजेक्ट चीता
बता दें, प्रोजेक्ट चीता भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है. इस प्रोजेक्ट के तहत करीब चीतों की संख्या बढ़ाने और उन्हे संरक्षित करने पर जोर दिया जा रहा है. केंद्र सरकार ने 17 सितंबर 2022 को दक्षिण अफ्रीका के नामीबिया से 8 चीते भारत लाए गए. लाए गए चीतों को मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में PM नरेंद्र मोदी ने इन चीतों को बसाया. इसके बाद चीतों की दूसरी खेप में 12 और भारत लाए गए.ताकि विलुप्त हो रहे चीतों को फिर से संरक्षित किया जा सके. उनकी संख्या को बढ़ाई जा सकेगी. इसलिए भारत सरकार समेत एमपी सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है.
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