Madhya Pradesh News: आपने कई बार सुना होगा सिस्टम की लापरवाही से मरीज की मौत हो गई..ऑक्सीजन समय पर नहीं मिला तो मरीज की मौत हो गई लेकिन मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में अलग ही मामला सामने आया. यहां के लिधौरा सरकारी अस्पताल (Lidhaura Government Hospital) में मरीज से साथ आई भीड़ को देखकर डॉक्टर और स्टाफ डर के कहीं छिप गए और मरीज को इलाज नहीं मिला और उसकी मौत हो गई. आपको शायद यकीन न हो लेकिन ये बातें खुद जिले CMHO ने पत्रकारों को बताई है. पहले आप जिला चिकित्सा अधिकारी (CMO of Tikamgarh) की बात सुनिए फिर पूरी घटना आपको बताएंगे.
टीकमगढ़ के CMO का बेतुका बयान !, कहा- डॉक्टर भीड़ देखकर डर गए, इसलिए मरीज की मौत हो गई#tikamgarh | #MadhyaPradesh pic.twitter.com/UPdbzWU5m9
— NDTV MP Chhattisgarh (@NDTVMPCG) October 22, 2024
दरअसल लिधौरा नगर के वार्ड क्रमांक 4 में निवास करने वाले 58 वर्षीय पंचम जोशी (Pancham Joshi) को बीती शाम पेट में दर्द हुआ. जिसके बाद उनके बेटे दिलीप जोशी औऱ राकेश जोशी उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लिधौरा लाए. जहां डॉक्टर कि जगह नर्स तैनात थी. शाम 7:30 बजे पेट दर्द अधिक होने लगा और ऑक्सीजन की जरूरत पढ़ने लगी। परिजनों ने नर्स से ऑक्सीजन देने की गुजारिश की लेकिन उसने ऑक्सीजन नहीं दिया. इसके बाद रात 8.30 बजे पंचम जोशी की मौत हो गई. इससे गुस्साए परिजनों ने स्वास्थ्य केन्द्र में हंगामा किया. अस्पताल के स्टॉफ का कहना है कि मरीज की मौत दो घंटे पहले ही हो गई थी जबकि उसके परिजन अस्पताल में ही फर्श पर सांस लेने में परेशान होते मरीज का वीडियो दिखा रहे हैं.
बाद में जब हंगामा बढ़ा तो CMHO शोभाराम रोशन खुद सामने आए डॉक्टर और नर्स का बचाव करते हुए कहा- भीड़ को देखकर डॉक्टर और स्टाफ डर गए थे जिस कारण वह वहां से जाकर कहीं छिप गए थे. CMHO का दावा है कि स्वास्थ्य केन्द्र में ऑक्सीजन की कमी नहीं थी. दूसरी तरफ मरीज के परिजनों का कहना है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में यदि रात में डियूटी डॉक्टर शिवम समाधियां होते तो शायद इस मरीज की मौत नहीं होती. यदि समय रहते मरीज को ऑक्सीजन लगा दी गई होती तो उसकी जान बच सकती थी. अब सच क्या है ये तो पूरी जांच के बाद ही पता चलेगा.
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