
Passport Document Verification: जबलपुर के फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड (एटीएस) ने एक और अफगानी नागरिक मोहम्मद इकबाल (27) को कोलकाता से गिरफ्तार किया है. इकबाल का पासपोर्ट जबलपुर के फर्जी पते पर बनवाया गया था. इससे पहले एटीएस इसी मामले में अफगानी नागरिक अकबर को भी गिरफ्तार कर चुकी है. दोनों आरोपित अफगानी युवक ओमती क्षेत्र में रह रहे सोहबत खान के संपर्क में थे, जो इस पूरे फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड बताया जा रहा है.
कैसे होता था सौदा?
पुलिस सूत्रों के अनुसार, पहले सोहबत ने अफगानी नागरिक अकबर का पासपोर्ट डेढ़ लाख रुपये लेकर बनवाया था. जबकि इकबाल से उसने यही काम करने के लिए ढाई लाख रुपये वसूले. यह सौदा कोलकाता में अकबर और इकबाल की मुलाकात के बाद तय हुआ. अकबर ने ही इकबाल को पासपोर्ट बनवाने के लिए सोहबत से मिलवाया था.
औपचारिकताएं पूरी करने के बाद इकबाल कोलकाता लौट गया, बाद में पासपोर्ट बनते ही उसे डाक से भेजने की जगह सोहबत ने डाकिए को रिश्वत देकर रास्ते से ही पासपोर्ट हासिल कर लिया और कोरियर के माध्यम से इकबाल तक पहुंचा दिया.
अब तक इतने लोग गिरफ्तार
अब तक इस मामले में तीन अफगानी नागरिकों सहित छह लोग गिरफ्तार हो चुके हैं. गिरफ्तार आरोपियों में विजयनगर निवासी वन विभाग कर्मी दिनेश गर्ग, कटंगा निवासी पूर्व पासपोर्ट सेवा केंद्र कर्मचारी महेंद्र कुमार सुखदन और रामपुर शंकरशाह नगर निवासी चंदन सिंह शामिल हैं. यह गिरोह अफगानी नागरिकों के लिए आधार कार्ड से लेकर पासपोर्ट तक बनवाने का काम करता था.
इस मामले में गिरफ्तार चंदन सिंह की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में एचआईवी संक्रमण की आशंका जताई गई थी, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि नहीं हुई. सभी छह आरोपियों को सोमवार को न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया.
यह भी पढ़ें : WhatsApp Status Row: "धर्मांतरण'' से जुड़े ‘व्हाट्सऐप स्टेटस' को लेकर इंदौर यूथ कांग्रेस अध्यक्ष पर FIR
यह भी पढ़ें : Ethanol Blended Petrol: इंजन को इथेनाॅल युक्त पेट्रोल से नुकसान! जानिए सरकार ने इस मुद्दे पर क्या कहा?
यह भी पढ़ें : MP Bhulekh Portal: मध्यप्रदेश भूलेख पोर्टल जीआईएस 2.0 लॉन्च; जानिए नये वर्जन मिलेगी क्या सुविधाएं
यह भी पढ़ें : Fake ID: फर्जी आईडी से झूठ फैलाने वाला शख्स निकला नगर पालिका का अफसर, जानिए क्या है मामला?