
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद देशभर में लोगों के मन में भारी गुस्सा और आक्रोश है. एक ओर लोग इस मुद्दे पर पाकिस्तान को सबक सिखाने की बात कर रहे हैं. वहीं, कुछ लोग सरकार के सुरक्षा संबंधी चूक पर भी सवाल उठा रहे हैं. इस बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में आ गए हैं.
दरअसल, सिंह ने आतंक के खिलाफ कड़ा रुख दिखाते हुए कहा है कि पहलगाम हमले के बाद कश्मीर के लोगों ने एकजुट होकर आतंकवाद का विरोध किया, जो बहुत ही सराहनीय है. उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने कभी भी आतंकवाद से समझौता नहीं किया है. कांग्रेस ने आतंकी हमले में दो प्रधानमंत्री खोए हैं. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कहा कि कांग्रेस ने पूरे अधिकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दे दिए हैं वह जो चाहे देश हित में निर्णय करें.
इससे पहले जयराम रमेश ने की थी ऐसी मांग
इससे पहले कांग्रेस के महासचिव और संचार प्रमुख जयराम रमेश ने भी बुधवार को कहा कि हम राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार के साथ खड़े हैं. हमने कभी राजनीति नहीं की. आज देश को एकजुटता की जरूरत है. कांग्रेस ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जयराम रमेश का वीडियो पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तय नहीं कर पा रही है कि निशाना किसे बनाया जाए, जबकि इस वक्त में निशाना तय होना चाहिए. सरकार का निशाना आतंकवादी होने चाहिए और पाकिस्तान को कड़ा जवाब मिलना चाहिए.
'सरकार एक्शन लें, हम आपके साथ हैं'
उन्होंने कहा कि हमने शुरुआत से ही इस संबंध में सरकार का समर्थन किया है और संसद के लिए विशेष सत्र की मांग भी की. फिर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र नहीं थे, लेकिन हमने अपनी बात रखी. इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने सीडब्ल्यूसी बैठक में प्रस्ताव भी पारित किया. हमने कहा है कि देश के सामने ये संवेदनशील समय है. पहलगाम में जो हुआ, वह क्रूर हमला है, जिसका सूत्रधार पाकिस्तान है. पाकिस्तान को जवाब देना हमारा फर्ज बनता है. इस मामले में हमने सरकार को अपना समर्थन दिया और कहा कि आपके किसी भी एक्शन में हम आपके साथ हैं, लेकिन इसे ध्रुवीकरण का मुद्दा मत बनाइए.
पीएम मोदी को याद दिलाया उनका इतिहास
कांग्रेस पार्टी की ओर से इस हमले के संबंध में एक विशेष सत्र की मांग की गई है, लेकिन उसका जवाब पीएम मोदी की तरफ से अभी तक नहीं आया है. लेकिन आज जो लोग कांग्रेस पार्टी को निशाना बना रहे हैं, उन्हें 26/11 हमले के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की उस प्रेस कॉन्फ्रेंस को याद करना चाहिए, जो उन्होंने मुंबई हमले के दो दिन बाद ओबरॉय होटल के सामने की थी. ऐसा कभी नहीं हुआ था, जबकि इस मामले में खुद महाराष्ट्र सरकार ने मना किया था कि आप यहां मत आइए, ये सही समय नहीं है. सरकार के मना करने के बावजूद नरेंद्र मोदी नहीं माने और वे वहां गए.
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सरकार में रहते हुए हमेशा आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की है और आज विपक्ष में रहते हुए भी हम संवेदनशील समय में, राष्ट्रीय मुद्दों पर सरकार के साथ खड़े हैं. हमने कभी राजनीति नहीं की. आज देश को एकजुटता की जरूरत है.