
Negligence In Electricity Department : इसे घोर लापरवाही कहें... या सिस्टम की नाकारा पंती..जो कहें सब कम है. इस तस्वीर ने लोगों को झकझोर कर रख दिया है. खंभे पर लटक रहा आउटसोर्स के कर्मचारी का शव कई तरह के सावल खड़े कर रहा है. रविवार को घटना स्थल पर रूह कांप उठी हर उस शख्स की, जिसने यह खौफनाक मंजर देखा.
बिजली विभाग में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मचारी की मौत की खबर ने एक बार फिर से कई तरह के सवालों को उठा दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, मंडला के नैनपुर विकासखंड के ग्राम ईश्वरपुर की यह दर्दनाक घटना है.जहां आउटसोर्स कर्मचारी देव सिंह कुर्वेती की बिजली के खंबे में करंट लगने से मौत हो गई है.
ग्राम धनपुरी माल निवासी देव सिंह बिजली विभाग में लाइनमैन आउटसोर्स कर्मचारी था, जोकि बिजली के खंभे में चढ़कर बिजली सुधार का कार्य कर रहा था. तभी अचानक खंभे में लगे तार से उसे करंट लग गया, जिससे उसकी मौके पर मौत हो गई.
शव को पोल से उतारकर नैनपुर अस्पताल लाया गया
घटना के बाद मृतक का शव घंटों पोल पर ही लटका रहा. घटना की जानकारी स्थानीय ग्रामीणों के द्वारा बिजली विभाग नैनपुर एवं पुलिस थाना नैनपुर को दी गई. जानकारी लगते ही नैनपुर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोल से उतारकर नैनपुर अस्पताल लाया गया, जहां शव का पीएम किया जा रहा है.
बता दें, बिजली विभाग द्वारा ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में बिजली सुधार कार्य के लिए आउटसोर्स कर्मचारियों को रख तो लिया जाता है, पर इन्हें संसाधन व सुरक्षा के इंतजाम मुहैया नहीं कराए जाते, लिहाजा आए दिन इस तरह की घटनाएं सामने आती रहती हैं. वहीं, निधि नेमा (उप निरीक्षक थाना नैनपुर) ने कहा कि घटना की जांच की जा रही है. केस दर्ज कर लिया गया.
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रतलाम: करंट लगने से नीचे गिरा था कर्मचारी
शनिवार को रतलाम से भी ऐसी ही खबर आई, जहां बिजली सुधारने का काम करने वाला एक आउटसोर्स कर्मचारी को करंट लगा, वो नीचे गिरा. इसके बाद हड़कंप मच गया. ग्रामीणों की मदद से उसे हॉस्पिटल ले जाया गया. हालत गंभीर बताई जा रही थी. कमेड़ गांव के पास कि यह पूरी घटना थी. यहां बिजली फाल्ट होने से, फाल्ट सुधारने के लिए आउटसोर्स कर्मचारी राकेश माली पोल के ऊपर चढ़ा था. सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए थे. लापरवाही सामने आई थी.
NDTV का सवाल यही है कि जान जोखिम में डालकर लाइट सुधारने वाले इन कर्मचारियों की सुरक्षा की जिम्मेदारी कौन लेगा? क्या ये लोग ऐसे ही मजबूर रहेंगे? बेहतर होगा यदि सरकार और इन कर्मचारियों से काम लेने वाली कंपनियां इनकी सुरक्षा की चिंता करें.. ताकि देव सिंह कुर्वेती जैसा कोई दूसरा कर्मचारी ऐसी दर्दनाक मौत का शिकार न बने...
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