मध्यप्रदेश के उज्जैन में 'I Love Mohammad' के पोस्टरों के जवाब में 'I Love Mahakal' के पोस्टर लहराए जा रहे हैं. जिससे यह विवाद अब धार्मिक ध्रुवीकरण का रूप लेता नजर आ रहा है. ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि 'I Love Mohammad' पोस्टर के जवाब में शहर में 'I Love Mahakal' के पोस्टर लगातार सामने आ रहे हैं. अब एक गरबा समिति ने साफ कह दिया है कि उज्जैन में सिर्फ आई लव महाकाल ही चलेगा. '36 करोड़ देवी-देवताओं' को मामने वाले लोग ही गरबे में शामिल हों. 'मोहम्मद से लव करने वाले यहां न आएं', उनकी कोई जरूरत नही हैं.
दरअसल, शनिवार सुबह उज्जैन के तोपखाना इलाके के लोहे के पुल पर 'I Love Mohammad' का बैनर लगा मिला. जानकारी मिलने पर पुलिस ने बैनर जब्त कर लिया. इसके बाद शाम को नानाखेड़ा के शिव शक्ति गरबा मंच पर आयोजकों ने 'I Love Mahakal' के पोस्टर लहराए. जिस पर साफ लिखा था- महाकाल की नगरी में सिर्फ LOVE महाकाल ही चलेगा.
उनकी यहां कोई जरूरत नहीं
शिव शक्ति गरबा समिति के सचिव गोपाल अग्रवाल ने कहा कि लोहे के पुल पर लगे 'I Love Mohammad' के पोस्टरों का हमने कड़ा जवाब दिया है. हमने बताया कि यह बाबा महाकाल की नगरी है, यहां केवल 'जय श्री महाकाल' का ही स्थान है. हम अपने भगवान महाकाल से बहुत प्रेम करते हैं, इसलिए यहां केवल 'We Love Mahakal' ही चलेगा. समिति के सदस्य बहादुर सिंह राठौर ने बताया कि हजारों की संख्या में आए लोगों ने जोश के साथ 'I Love Mahakal' के नारे लगाए. उन्होंने का कि 'I Love Mohammad' वाले गरबे में प्रवेश न करें, उनकी यहां कोई जरूरत नहीं है.
कानपुर से शुरू हुआ पूरा विवाद
'आई लव मोहम्मद' (I Love Mohammad) लिखा पोस्टर सबसे पहले उत्तर प्रदेश के कानपुर में सामने आया था. चार सितंबर को शहर के बावफात में बिना अनुमति एक जुलूस निकाला गया था, इस दौरान 'आई लव मोहम्मद' लिखा एक पोस्टर पहली बार सामने आया था. दूसरे समुदाय के लोगों ने इसे 'नई परंपरा' बताकर विरोध किया. जिसके बाद पुलिस ने अनुमति नहीं होने के कारण पोस्टर हटवा दिए. हालांकि, इसके बाद से यह विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है.
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