PUC सर्टिफिकेट की टेंशन! 6 महीने में इतनी गाड़ियों की हुई जांच, ट्रांसपोर्ट विभाग ऐसे बना रहा है कागज

Transport Department News: नई कार या बाइक के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट एक साल के लिए वैलिड होता है लेकिन इसके बाद इसे रिन्यू कराना जरूरी होता है. रिन्यू कराने के बाद यह सर्टिफिकेट छह महीने के लिए वैलिड होता है. पीयूसी सर्टिफिकेट न होने पर, भारी जुर्माना लग सकता है.

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PUC Certificate: मध्य प्रदेश में वाहनों से निकलने वाली वाली हानिकारक व जहरीली गैसों पर नियंत्रण के लिये परिवहन विभाग (Transport Department) ने वाहन प्रदूषण जांच केन्द्रों (Pollution Testing Centres) की व्यवस्था की है. विभाग ने प्रदेश में संचालित 288 जांच केन्द्रों को एनआईसी (NIC) के पीयूसीसी पोर्टल (PUC Portal) के साथ इंटीग्रेट किया है. इस व्यवस्था से पारदर्शी तरीके से वाहनों के उत्सर्जन मानकों की जांच की जाकर वाहन मालिकों को ऑनलाइन प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र (Pollution Under Control Certificate) जारी किये जा रहे हैं.

पिछले 6 महीने में इतने वाहनों की हुई जांच

परिवहन विभाग की इस व्यवस्था से ऑनलाइन पीयूसीसी (Online PUC Certificate) जारी होने से डाटा, वाहन पोर्टल पर सीधे प्रदर्शित होने लगा है. इस व्यवस्था से वाहन मालिकों को सुविधा मिली है. चेकिंग अधिकारी द्वारा प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र की मांग किये जाने पर वाहन मालिकों द्वारा प्रमाण-पत्र ऑनलाइन दिखाए जा रहे हैं. इस वर्ष एक मई 2024 से 31 अक्टूबर 2024 तक 6 महीनों में एक लाख 8 हजार से अधिक वाहनों की जांच की गई है. इसमें 3 हजार 789 वाहन प्रदूषण के मामले में दोषी पाये गये हैं.

मोटरयान अधिनियम में शासकीय एवं व्यवसायिक वाहन सहित प्रत्येक वाहन को प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण-पत्र प्राप्त करना आवश्यक है. प्रदेश में परिवहन एवं यातायात पुलिस के सक्षम अधिकारियों द्वारा इसकी नियमित रूप से जांच की जा रही है.

रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग सुविधा

परिवहन विभाग ने पर्यावरण संरक्षण के उद्देश्य से समस्त सरकारी वाहनों को 15 वर्ष के बाद रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी के जरिए स्क्रैप कराया जाना अनिवार्य किया है. परिवहन विभाग द्वारा आरव्हीएसएफ के माध्यम से नागरिकों द्वारा अपने निजी वाहन स्क्रैप किये जाने पर और उसके बाद नवीन वाहन क्रय करने पर 15 प्रतिशत और गैर परिवहन वाहन के लिये 25 प्रतिशत की छूट प्रदान की जा रही है. प्रदेश में भोपाल जिले में 3, इंदौर और ग्वालियर जिले में 1-1 कुल 5 रजिस्टर्ड व्हीकल स्क्रैपिंग फैसिलिटी केन्द्र काम कर रहे हैं.

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