National Doctors Day 2025: डेंगू का दंश! डॉक्टर्स डे पर जबलपुर के सीनियर डॉ गोपाल पोल की मौत

National Doctors Day 2025: डॉक्टर्स डे पर जबलपुर के सीनियर डॉ गोपाल पोल की मौत हो गई. मौत को लेकर डेंगू के कयास लगाए जा रहे हैं. चिकित्सकों द्वारा बताया जा रहा है कि डेंगू की प्रारंभिक रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन डेंगू के लक्षण दिख रहे थे. डेंगू बुखार डेंगू वायरस से होता है. वायरस चार सेरोटाइप्स (DEN-1, DEN-2, DEN-3, और DEN-4) में आता है और एक सीरोटाइप से संक्रमित होने के कारण दूसरों के खिलाफ इम्यूनिटी प्रदान नहीं करता है.

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National Doctors’ Day 2025: डेंगू का दंश! डॉक्टर्स डे पर जबलपुर के सीनियर डॉ गोपाल पोल की मौत

National Doctors Day 2025: डॉक्टर्स डे के दिन जबलपुर के वरिष्ठ रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर गोपाल पोल कि डेंगू से मृत्यु हो गई जबलपुर जिले में डेंगू से होने वाली यह पहली मौत है. चिकित्सकों द्वारा बताया जा रहा है कि डेंगू की प्रारंभिक रिपोर्ट नेगेटिव आई थी लेकिन डेंगू के लक्षण दिख रहे थे, ऐसी समय अचानक हार्ट फेल हो जाना मृत्यु का कारण है. पिछले साल भी जबलपुर (Jabalpur) में डेंगू के मामलों (Dengue Fever Case) में तेज वृद्धि देखी गई थी. प्राप्त जानकारी के अनुसार जिस प्रकार मामले बढ़े हैं, उससे पिछले दो वर्षों का रिकॉर्ड टूट गया था.

कैसे करें बचाव?

शहर में हो रही रुक-रुक कर बारिश और उमस भरी गर्मी के कारण मच्छरों की गतिविधियां बढ़ गई थी, जिससे डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है. विशेषज्ञों के अनुसार, बारिश के रुकने के बाद जैसे ही पानी जमा होने लगता है, मच्छरों का लार्वा तेजी से पनपता है. इसी कारण सितंबर का महीना डेंगू के मामलों के लिए संवेदनशील माना जाता है, क्योंकि इस समय डेंगू के मरीजों की संख्या सामान्य रूप से बढ़ती है.

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डेंगू के सामान्य लक्षण क्या हैं? Symptoms of dengue?

1. बुखार: डेंगू संक्रमण का प्रारंभिक संकेत अक्सर अचानक और तेज बुखार होता है.

2. सिरदर्द: गंभीर सिरदर्द, जिसे अक्सर "डेंगू सिरदर्द" कहा जाता है, एक प्रचलित लक्षण हैं.

3. जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द: डेंगू अक्सर जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द पैदा कर सकता है.

4. स्किन प्रोब्लम्स: बुखार की शुरुआत के कुछ दिनों बाद एक दाने निकल सकते हैं.

5. थकावट और कमजोरी: डेंगू बुखार के कारण कई हफ्तों तक थकान और कमजोरी हो सकती है.

6. हेमोरेजिंग: डेंगू नाक, मसूड़ों या त्वचा के नीचे से ब्लीडिंग को प्रेरित कर सकता है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?

डॉक्टर संजय मिश्रा ने बताया कि जब तक एलिसा टेस्ट में डेंगू पॉजिटिव नहीं आता, तब तक इसे डेंगू नहीं माना जाना चाहिए. हालांकि, प्रारंभिक जांच के आधार पर ही कई अस्पताल डेंगू घोषित कर देते हैं, जो सही नहीं है. इससे न केवल मरीजों में डर बढ़ता है, बल्कि सही आंकड़े भी सामने नहीं आ पाते हैं.

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