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Omkareshwar Canal परियोजना के नाम 3.5 हजार करोड़ का भुगतान, पर 17 साल बाद भी अधूरा पड़ा काम

Omkareshwar Canal Project Scam: ओंकारेश्वर नहर परियोजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. इसमें नहरों के अधूरे काम को पूरा दिखाकर ठेकेदार से लेकर अधिकारियों तक ने करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा कर दिया है. आइए आपको पूरे मामले के बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

Omkareshwar Canal परियोजना के नाम 3.5 हजार करोड़ का भुगतान, पर 17 साल बाद भी अधूरा पड़ा काम
Canal Project Scam: ओंकारेश्वर नहर परियोजना में बड़ा फर्जीवाड़ा

Scam in Canal Project: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की पूर्व सरकारों से लेकर अब तक की सरकारों ने किसानों की खेती को सही सिंचाई (Irrigation problem) लाभ देने के लिए ओंकारेश्वर और इंदिरा सागर नहर योजना (Omkareshwar Canal Project) शुरू की. इसके लिए करोड़ों नहीं, बलकि अरबों रुपये लगातार खर्च कर दिए गए. लेकिन, जिस नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण के अफसरों के दम पर योजनाओं का क्रियान्वयन किया गया, उस विभाग के अफसरों ने ही दीमक की तरह योजना को अंदर ही अंदर खोखला कर दिया...

कैनल परियोजना के तहत करोड़ों का फर्जीवाड़ा

कैनल परियोजना के तहत करोड़ों का फर्जीवाड़ा

ठेकेदार को कर दिया पूरा भुगतान

नर्मदा विकास संभाग क्रमांक 20, कार्यपालन यंत्री टी आर पचौरे ने ओंकारेश्वर नहर का निर्माण कार्य पूरा बताकर ठेकेदार को करोड़ों का भुगतान कर दिया, जबकि जमीनी हकीकत देखें तो आज भी नहर कई जगह क्षतिग्रस्त है और नहर निरीक्षण मार्ग भी नहीं बनाया है. नहर क्षेत्र में पौधरोपण भी नहीं हुआ है. क्षतिग्रस्त नहरों को लेकर क्षेत्र के किसान शिकायत करते- करते परेशान होकर जिम्मेदारों से हार मान बैठे है.

किसानों को नहीं मिल रहा पानी

नर्मदा घाटी विकास के संभाग क्रमांक 20 मंडलेश्वर में पदस्थ कार्यपालन यंत्री टीआर पचौरे ने ओंकारेश्वर नहर परियोजना की मुख्य नहरों के साथ माइनर नहरों के अधूरे कामों के बावजूद ठेकेदारों को पूरा भुगतान कर दिया है. इधर, क्षेत्र के किसानों का कहना है कि नहरों में पानी नहीं मिल रहा है. बार-बार शिकायतों के बावजूद विभागीय अफसरों के द्वारा अनसुनी की जाती है. किसानों का कहना है कि ओंकारेश्वर नहर के निर्माण कार्य आज वर्षों बाद भी अधूरे हैं. वहीं, जो निर्माण हुए, उनकी गुणवत्ता भी ठीक नहीं है. जगह-जगह खेतों में सीपेज का पानी भर जाता है, तो कई जगह से नहरों में टूटफूट भी है.

जगह-जगह से टूटा नहर

जगह-जगह से टूटा नहर

क्या है पूरा मामला?

खरगोन जिले में नर्मदा घाटी विकास विभाग क्रमांक 20 मंडलेश्वर अंतर्गत ओंकारेश्वर परियोजना की नहर प्रणाली के द्वितीय चरण के अंतर्गत दांयी तट मुख्य बहाव नहर की आरडी 9.775 किमी से आरडी 68.92 किमी (कारम नदी के बाद में बलवारी-दहीवर मार्ग पर-व्हीआरबी सहित) सम्पूर्ण वितरण प्रणाली 40 हेक्टयर सिंचाई का अनुमानित रकबा 19,578 हेक्टयर है. इसका टेंडर 2007 में हुआ था. इस कार्य को तीन साल में पूरा करना था, जिसकी लागत लगभग 3.5 हजार करोड़ रुपए थी.

योजना निर्माण के शुरू होने से लेकर 18 वर्ष बीतने के बाद भी काम पूरा नहीं हुआ. लेकिन, अब कार्य पूर्ण बताकर ठेकेदार करण डेवलेपर्स को अंतिम भुगतान भी कर दिया गया है. जबकि, उसने नियमानुसार सिक्युरिटी डिपोजिट भी नहीं किया था.

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अधिकारी संपर्क से बाहर

इस मामले को लेकर संबंधित अधिकारी एग्जीक्यूटिव इंजीनियर पचोर से कई बार बात करने की कोशिश की गई, लेकिन वह ऑफिस में कभी नहीं मिले. उनका ऑफिस बाहर से संचालित होता है.

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