OBC Reservation in MP: मध्य प्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का मामला सर्वोच्च न्यायालय में है और उस पर 8 अक्टूबर से नियमित सुनवाई होने वाली थी लेकिन सुनवाई नहीं हो सकी. MP सरकार की तरफ से तुषार मेहता ने इस मामले की सुनवाई को कल किए जाने का आग्रह किया, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिए. सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, मध्य प्रदेश के एडवोकेट जनरल प्रशांत सिंह, एडिशनल सॉलिसिटर जनरल केएम नटराज और स्पेशल काउंसिल एडवोकेट शशांक रतनू सरकार की ओर से मौजूद थे. वहीं अब सुप्रीम कोर्ट ओबीसी आरक्षण के मामले में गुरुवार 9 अक्टूबर को करेगी. मध्यप्रदेश में OBC के लिए 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए लाए गए 2019 के क़ानून पर अमल सुनिश्चित करने की मांग का मामला अभी भी कोर्ट में चल रहा है. ऐसे में जस्टिस पी एस नरसिम्हा की अध्यक्षता वाली बेंच इस मामले पर 9 अक्टूबर को सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर पहले ही नोटिस जारी कर चुका है. इस मामले मे मध्यप्रदेश सरकार ने भी याचिका का समर्थन करते हुए कहा है कि नियुक्तियों के हिस्से पर जो रोक लगागई है उस पर नियुक्ति करने का अदालत स्पष्ट आदेश दे. वहीं कांग्रेस ने इस मामले में सरकार की मंशा पर सवाल उठाए हैं.
पहले सुनिए PCC चीफ ने क्या कहा?
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि एक बार फिर मध्य प्रदेश सरकार का चेहरा बेनकाब हुआ है. इससे पहले एडवोकेट जनरल ने तारीख बढ़ाने का आग्रह किया था, तर्क कुछ नहीं था. 4 महीने आगे की तारीख मांगी गई थी. जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने डांट लगाई थी कि आप बार-बार तारीख क्यों लेना चाहते हैं? सुप्रीम कोर्ट ने आज की तारीख दी थी लेकिन तुषार मेहता ने फिर न्यायाधीश से समय मांगा. जज ने उन्हें फटकार लगाई और कहा कि जो बच्चे PSC में बैठे हैं, जो राज्य की सेवाओं में हैं वो ओवर एज होते जा रहे हैं. बच्चे 7-7 साल से एग्जाम देकर घर बैठे हैं, उन्हें नियुक्ति नहीं मिल रही, पदस्थापना नहीं हो रही उनका क्या होगा?'
नेता प्रतिपक्ष ने ये कहा
मध्य प्रदेश में प्रमुख विपक्षी नेता उमंग सिंघार ने कहा कि "सरकार की मंशा नहीं है कि OBC को आरक्षण मिले, सरकार को OBC वर्ग की बात रखनी चाहिए, OBC वर्ग को 27% आरक्षण सरकार को देना पड़ेगा, इससे यह प्रतीत होता है कि सरकार की कथनी और करनी में अंतर है."
इससे पहले पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा था कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उनके लिए केवल राजनीति करने का साधन है, न कि ओबीसी समाज के अधिकारों की सच्ची लड़ाई. मैं शुरू से कह रहा हूं कि यह सरकार ओबीसी आरक्षण के मामले में सिर्फ नाटक-नौटंकी कर रही है.
यह भी पढ़ें : Ladli Behna Yojana 29th Installment: 29वीं किस्त की बारी, कब मिलेंगे लाडली बहनों को 1500 रुपये, इनको लाभ नहीं
यह भी पढ़ें : OBC Reservation: 27% OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट में 8 अक्टूबर से अंतिम सुनवाई, टाइमलाइन तैयार रखने का Order
यह भी पढ़ें : CM मोहन यादव के खिलाफ धार्मिक नेता ने दिया विवादित बयान, ओबीसी महासभा ने उठाई FIR दर्ज कराने की मांग
यह भी पढ़ें : OBC Reservation: ओबीसी आरक्षण को लेकर फेक न्यूज; MP सरकार ने जारी किया स्पष्टीकरण, देखिए यहां