OBC Reservation: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने पर सहमति जताई है. इसके साथ ही एक संकल्प भी पारित किया गया है. ओबीसी को 14 से बढ़ाकर 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बुधवार को राज्य के ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए गुरुवार को सर्व सर्वदलीय बैठक बुलाने का आह्वान किया था. उसी क्रम में मुख्यमंत्री आवास पर गुरुवार को सर्वदलीय बैठक हुई. इस सर्वदलीय बैठक में भाजपा, कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, कम्युनिस्ट पार्टी, और आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधि शामिल हुए. बैठक के बाद संवाददाताओं से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सर्वदलीय बैठक में सभी दलों ने सर्वोच्च न्यायालय में ओबीसी को लेकर जो प्रकरण चल रहा है उस पर चर्चा की.
कांग्रेस ने सरकार पर उठाए सवाल
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि "कांग्रेस की ओबीसी आरक्षण पर बड़ी जीत. कांग्रेस पार्टी लगातार मांग और संघर्ष के बाद आज भाजपा ने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर हामी भरी है, इसका हम स्वागत करते हैं. कांग्रेस सरकार ने 6 साल पहले ही 27% ओबीसी आरक्षण के लिए मजबूत नींव रखी थी, और आज भाजपा सरकार उसी घर में नारियल फोड़कर गृह प्रवेश कर रही है.
कमलनाथ जी की सरकार ने ओबीसी आरक्षण पर अध्यादेश लाकर और कानून पास करके अपनी प्रतिबद्धता पहले ही साबित कर दी थी. कांग्रेस आज भी उसी संकल्प पर डटी हुई है. मैं मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूँ कि शीघ्र ही 27% ओबीसी आरक्षण लागू कराया जाए. साथ ही, सरकार सुप्रीम कोर्ट में यह स्पष्ट हलफ़नामा प्रस्तुत करे कि हमें 27% आरक्षण देने में कोई आपत्ति नहीं है. जिससे पूरे ओबीसी समाज को जल्द से जल्द उनका अधिकार और न्याय मिल सके."
सीएम ने क्या कहा?
सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि "माननीय सुप्रीम कोर्ट में लंबित पिछड़ा वर्ग के लिए 27% आरक्षण के मामले को लेकर आज भोपाल निवास पर सर्वदलीय बैठक हुई, जिसमें सर्वसम्मति से संकल्प पारित किया गया कि इस मामले में सभी दल एकजुट होकर एक फोरम पर आएंगे. इस मामले में विभिन्न पक्षों के अधिवक्तागण भी 10 सितंबर तक एक साथ बैठकर बात करेंगे. यह भी तय किया गया कि चयन प्रक्रिया में विभिन्न न्यायिक आदेशों के चलते नियुक्ति आदेश जारी किए जाने से वंचित शेष 13% अभ्यर्थियों को उनके नियुक्ति पत्र जारी किए जाने हेतु एकजुट होकर सभी फोरम, जिसमें विधायिका, न्यायपालिका एवं कार्यपालिका सम्मिलित हैं, पर इसे क्रियान्वित करने के लिए मिलकर प्रयास करेंगे."
सर्वोच्च न्यायालय में लंबित मामले की चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि यह बात सही है कि 13 प्रतिशत आरक्षण पेंडिंग चल रहा है. अगर इस पर न्यायालय जल्दी से न्याय करेगी, तो जो विद्यार्थी 13 प्रतिशत में आते हैं और जो आयु सीमा पार कर गए हैं, उन्हें भी इसका लाभ मिलेगा. दरअसल, कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 प्रतिशत किए जाने का प्रस्ताव पारित किया था. उसके बाद मामला न्यायालय में लंबित है.
कैसे निकलेगा हल?
सभी दलों के विधायक विधानसभा में 27 प्रतिशत आरक्षण देने की बात उठाते रहे हैं. इस मामले में अलग-अलग वकील केस लड़ रहे हैं, जिस पर न्यायालय ने एक निर्णय लिया है.
सभी दलों के विधायक विधानसभा में ओबीसी आरक्षण का समर्थन करते रहे हैं. अब एक साथ बैठे हैं, सर्वदलीय संकल्प पारित किया है जिसके आधार पर ओबीसी आरक्षण देने के लिए एकजुट होकर एक मंच पर आए हैं. वहीं वकील भी 10 सितंबर के पहले बैठकर बात करेंगे.
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