![MP में एक नर्सिंग कॉलेज ऐसा भी, चार कमरे की दुकान में स्वास्थ्य शिक्षा के नाम पर भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़ MP में एक नर्सिंग कॉलेज ऐसा भी, चार कमरे की दुकान में स्वास्थ्य शिक्षा के नाम पर भविष्य से किया जा रहा खिलवाड़](https://c.ndtvimg.com/2024-05/mut1e4r_sidhi-college-of-nursing-_625x300_23_May_24.jpeg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
MP Nursing College Scam: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नर्सिंग कॉलेज से जुड़े फर्जीवाड़े (Nursing Scam) की पोल हर दिन परत दर परत खुल रही है. अभी हाल ही में एनडीटीवी ने नर्सिंग कॉलेज से जुड़े फर्जीवाड़े को लेकर बड़ी खबरें ब्रेक की थी. इस फर्जीवाड़े की वजह से प्रदेश के 375 नर्सिंग कॉलेजों (Nursing College) के करीब एक लाख स्टूडेंट्स पिछले 4 साल से परीक्षा का इंतजार कर रहे थे, अब जाकर परीक्षा शुरू हुई, लेकिन उसमें भी जिन 139 कॉलेजों को फर्जी बताया गया. उनमें पढ़ने वाले 12,000 छात्रों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.
छात्राओं का परीक्षा केंद्र रीवा में
नर्सिंग कॉलेज के नॉर्म्स को ताक पर रख कर एक ऐसा ही नर्सिंग कॉलेज एमपी के सीधी में संचालित है. यहां जिला मुख्यालय से करीब 80 किलोमीटर दूर कुसमी विकासखंड में एक ऐसा कॉलेज संचालित है, जिसे देखकर आश्चर्य होता है. चार कमरे की दुकान के भवन में सीधी कॉलेज ऑफ नर्सिंग संचालित किया जा रहा है. वर्ष 2021-22 में मान्यता मिलने के बाद यह खेल जारी है. कॉलेज में अध्ययनरत छत्राओं का परीक्षा केंद्र रीवा में बनाया गया है. जहां इन दिनों परीक्षा चल रही है.
जानें कैसे मिलती थी नर्सिंग कॉलेज की मान्यता
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक नर्सिंग कॉलेज को पात्र बनाने के नाम पर बड़ी रकम वसूली जाती थी. आरोपी 2-10 लाख रुपये की मांग करते थे. जांच में ये भी पता चला है कि वसूली का गिरोह सीबीआई इंस्पेक्टर राहुल राज ही चला रहा था, उसने अलग-अलग जिलों में टीम बना रखी थी. जिस कॉलेज से सौदा तय होता था, उनके यहां निरीक्षण का समय और दिन पहले ही बता दिया जाता था.
कॉलेज की बिल्डिंग में आधे में मकान मालिक रहते हैं
नियम के मुताबिक नर्सिंग कॉलेज के पास खुद का एक अस्पताल होना चाहिए या फिर 50 किलोमीटर के आसपास 100 बिस्तर से अधिक का अस्पताल होना चाहिए. जहां अध्ययनरत छात्राएं जाकर मेडिकल से जुड़े कार्यों को सीख सकें. लेकिन सीधी में ऐसी कोई व्यवस्था नजर नहीं आती है. सीधी जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर होने के बाद भी नियम विरुद्ध तरीके से नर्सिंग कॉलेज संचालित है. भवन के लिए भी जो मापदंड तय किए गए हैं, वह किसी तरह से पूरा होते नहीं दिख रहा है. एक भवन में आधे में मकान मालिक रहते हैं और चार कमरे में बोर्ड लगाकर नर्सिंग कॉलेज चलना दिखाया जा रहा है. अधिकांश समय कागजी कॉलेज का ताला बंद रहता है.
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ये है नियम
पुराना नियम था कि कॉलेज 23,000 वर्ग फीट में हो, नया कॉलेज अब 8000 वर्ग फीट में भी संचालित हो सकता है. पुराना नियम कहता है कि असिस्टेंट प्रोफेसर एवं शिक्षक - प्रति 10 छात्र पर एक हो, नए नियम में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं शिक्षक- प्रति 20 छात्र पर एक कर दिया गया. पुराना नियम - नर्सिंग लैब के लिए 1500 वर्ग मीटर की जगह हो, जबकि नए में इसे 900 वर्ग मीटर कर दिया गया.
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