Jabalpur News: जबलपुर जिले के नेताजी सुभाष चंद्र बोस (NSCB) मेडिकल कॉलेज की लापरवाही सामने आने के बाद प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए चार पीजी डॉक्टरों को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है. साथ ही सर्जरी विभाग की अध्यक्ष डॉ. दीप्तिबाला शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया है.
क्या है पूरा मामला?
गौरीघाट निवासी इंद्रजीत शुक्ला (67) को गंभीर स्थिति में मेडिकल कॉलेज में सर्जरी वार्ड के आईसीयू में भर्ती किया गया था. सोमवार सुबह 7:30 बजे डॉक्टरों ने परिजनों को बताया कि उनकी मृत्यु हो चुकी है और तत्काल डेथ सर्टिफिकेट भी जारी कर दिया. सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि सर्टिफिकेट में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का भी उल्लेख कर दिया, जो हुआ ही नहीं था.
करीब तीन घंटे बाद सुबह 10:30 बजे, जब शव को पोस्टमॉर्टम के लिए स्ट्रेचर पर रखा गया, तब बुजुर्ग के बेटे और बहू ने देखा कि उनकी सांसें चल रही हैं. परिजनों ने तुरंत डॉक्टरों को इसकी सूचना दी, जिसके बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया.
NDTV की रिपोर्ट के बाद तेज हुई कार्रवाई
NDTV में इस लापरवाही की खबर प्रमुखता से दिखाए जाने के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर दबाव बढ़ा. डीन डॉक्टर नवनीत सक्सेना ने सभी विभागाध्यक्षों की बैठक बुलाई और सख्त निर्देश दिए कि ऐसी घटना फिर से न हो. बुजुर्ग के उपचार के लिए तीन चिकित्सकों की विशेष टीम गठित कर दी गई है.
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मेडिकल लापरवाही पर उठे गंभीर सवाल
- बिना उचित जांच के एक जीवित मरीज को मृत घोषित करने की लापरवाही कैसे हुई?
- पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का उल्लेख सर्टिफिकेट में कैसे किया गया, जब पोस्टमॉर्टम हुआ ही नहीं था?
- क्या यह सिर्फ एक गलती थी, या फिर अस्पताल में बड़ी लापरवाही का संकेत?
NDTV की रिपोर्ट ने इस मामले को उजागर कर प्रशासन को कार्रवाई के लिए मजबूर किया. अब सभी की नजरें जांच कमेटी की रिपोर्ट पर टिकी हैं, जो घटना के सभी पहलुओं की पड़ताल कर आगे की कार्रवाई का निर्धारण करेगी.