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निधि चतुर्वेदी ने यूं लगाई दिग्विजय सिंह की क्लास! वैचारिक दोगलापन या घर वापसी की छटपटाहट पर क्‍या लिखा?

निधि चतुर्वेदी ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके आरएसएस की तारीफ करने से कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटता है. निधि ने कांग्रेस नेतृत्व से दिग्विजय सिंह पर कार्रवाई की मांग की है.

निधि चतुर्वेदी ने यूं लगाई दिग्विजय सिंह की क्लास! वैचारिक दोगलापन या घर वापसी की छटपटाहट पर क्‍या लिखा?
निधि चतुर्वेदी, पीएम मोदी और दिग्विजय सिंह (फाइल फोटो).

पूर्व राज्यसभा सांसद सत्यव्रत चतुर्वेदी की बेटी एवं कांग्रेस नेत्री नि​धि चतुर्वेदी ने रविवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज कांग्रेसी नेता की क्लास लगा दी. उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट लिखकर कांग्रेस नेतृत्व से दिग्विजय सिंह पर कार्रवाई की मांग की है. दरअसल, हाल ही में दिग्विजय सिंह ने आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, RSS) की तारीफ करते हुए एक पोस्ट लिखा था.

नि​धि चतुर्वेदी ने दिग्विजय सिंह पर निशाना साधते हुए लंबा-चौड़ा पोस्ट लिखा है, जिसका उन्होंने शीर्षक भी दिया है. उन्होंने अपनी इस पोस्ट में आगे लिखा-

वैचारिक दोगलापन या 'घर वापसी' की छटपटाहट? कांग्रेस की जड़ों में मट्ठा डालने वाले दिग्विजय सिंह पर कब होगी कार्रवाई

दिग्विजय सिंह के हालिया बयान ने राहुल गांधी से लेकर उन तमाम जमीनी कार्यकर्ताओं के मुंह पर तमाचा मार दिया है, जो आरएसएस और बीजेपी की विचारधारा के खिलाफ सड़क पर लड़ रहे हैं. एक वरिष्ठ कांग्रेसी नेता होने के नाते उनकी यह जिम्मेदारी बनती थी कि वे पार्टी के वैचारिक संघर्ष को धार देते, न कि विपक्षी खेमे का गुणगान कर अपने ही कार्यकर्ताओं का मनोबल तोड़ते. सुर्खियों में बने रहने की उनकी इस 'ऊल-जुलूल' बयानबाज़ी ने आज हर सच्चे कांग्रेसी के आत्म-सम्मान को गहरी ठेस पहुंचाई है. मध्य प्रदेश की राजनीति में ठाकुरवाद, सामंतवाद और गुटबाज़ी को खाद-पानी देकर दिग्विजय सिंह ने हमेशा कांग्रेस को मज़बूत करने के बजाय उसे भीतर से खोखला किया है.

मध्य प्रदेश की राजनीति में यदि कोई एक चेहरा पिछले बीस वर्षों से लगातार हस्तक्षेप करता रहा है, तो वह दिग्विजय सिंह हैं.  संगठनात्मक फैसले हों, नेतृत्व चयन हो या राजनीतिक दिशा तय करने की बात - हर जगह उनकी भूमिका निर्णायक रही है. इसका परिणाम यह हुआ कि कई समर्पित और जमीनी नेता या तो हाशिए पर चले गए या राजनीति से ही बाहर हो गए. कांग्रेस को जितना नुकसान विपक्ष ने नहीं पहुंचाया, उतना दिग्विजय सिंह की अंदरूनी खींचतान और व्यक्ति-केंद्रित राजनीति ने किया.

सवाल उठता है कि क्या दिग्विजय सिंह की यह 'संघ-स्तुति' महज़ एक संयोग है या उनके पारिवारिक डीएनए का प्रभाव?

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बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि दिग्विजय सिंह का नाता उस 'हिंदूवादी' राजनीति से कितना पुराना है, जिसका वे विरोध करने का ढोंग करते हैं. The Saffron Tide सहित मध्य प्रदेश की राजनीति पर लिखी गई कई पुस्तकों और शोधपत्रों में उल्लेख मिलता है कि राघोगढ़ राजघराने की जड़ें हिंदू महासभा से जुड़ी रही हैं.

दिग्विजय सिंह के इस दोगले चेहरे को बेनकाब करते हुए एक बार आरएसएस के वरिष्ठ नेता राम माधव ने  हवाले से एक बेहद गंभीर खुलासा किया था. राम माधव ने साक्ष्यों के साथ दावा किया था कि: "दिग्विजय सिंह के पिता न केवल सावरकर की हिंदू महासभा का प्रतिनिधित्व करने वाले विधायक थे, बल्कि स्वयं दिग्विजय सिंह ने नगरपालिका के अध्यक्ष का पद हिंदू महासभा के नामांकित सदस्य के रूप में संभाला था."

दरअसल, दिग्विजय सिंह के पिता बलभद्र सिंह 1951–52 के पहले आम चुनावों में राघोगढ़ विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़े थे. हालांकि, वे निर्दलीय थे, लेकिन उन्हें अखिल भारतीय हिंदू महासभा और भारतीय जनसंघ का खुला समर्थन प्राप्त था. उस दौर में रियासतों के कई शासक इसी विचारधारा के साथ राजनीति में सक्रिय थे.

अब समय आ गया है कि कांग्रेस हाईकमान अपनी 'मौन' संस्कृति को त्यागे. दिग्विजय सिंह का यह व्यवहार घोर अनुशासनहीनता की श्रेणी में आता है. पार्टी की साख और कार्यकर्ताओं के गिरे हुए मनोबल को बचाने के लिए यह अनिवार्य है कि कांग्रेस नेतृत्व तुरंत दिग्विजय सिंह को पार्टी से निष्कासित करें और उनके विरुद्ध कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करे.

कांग्रेस को अब 'सामंती' सलाहकारों की नहीं, बल्कि उन योद्धाओं की ज़रूरत है जिनके मन में विचारधारा को लेकर कोई संशय न हो.

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दिग्विजय सिंह ने क्या लिखा था?

उन्होंने पीएम मोदी का फोटो डाला था, जिसमें वो धरती पर बैठे हैं और कुर्सी पर लालकृष्ण आडवाणी हैं. उन्होंने लिखा था, "यह बहुत प्रभावशाली चित्र है. किस प्रकार आरएसएस का जमीनी स्वयं सेवक व जनसंघ का कार्यकर्ता नेताओं की चरणों में फर्श पर बैठकर प्रदेश का मुख्यमंत्री व देश का प्रधानमंत्री बना. यह संगठन की शक्ति है."

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