MP Congress: मध्य प्रदेश कांग्रेस की घोषित नई कार्यकारिणी में एक बार फिर परिवारवाद की छाया देखकर सवाल उठने लगे हैं. शनिवार को काफी जद्दोजहद के बाद अंततः कांग्रेस की प्रदेश कार्यकारिणी का गठन हो गया, लेकिन पार्टी परिवारवाद के आरोपों से खुद को बचा नहीं पाई, जिसके रूझान भी रविवार को आ गए हैं.
10 माह बाद प्रदेश कार्यकारिणी बना पाए पीपीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी
गौरतलब है पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभाले जीतू पटवारी को लगभग 10 माह का वक्त गुजर गया है और उनकी कार्यकारिणी को लेकर लगातार सवाल उठ रहे थे, शनिवार देर रात कार्यकारिणी का गठन तो हो गई, लेकिन सिर मुड़ाते ही ओले पड़ने शुरू हो गए हैं, क्योंकि नई कार्यकारिणी में परिवारवाद का असर भी दिख रहा है.
पूर्व CM दिग्विजय सिंह के पुत्र जयवर्धन सिंह को बनाया गया उपाध्यक्ष
नवगठित प्रदेश कांग्रेस की कार्यकारिणी पर गौर करें तो पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के पुत्र और विधायक जयवर्धन सिंह को इसमें उपाध्यक्ष बनाया गया है. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया के बेटे विक्रांत भूरिया को महासचिव और अरुण यादव के छोटे भाई सचिन यादव और दिग्विजय सिंह के नजदीकी रिश्तेदार प्रियव्रत सिंह उपाध्यक्ष बनाए गए हैं.
17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव समेत कार्यकारिणी में बनाए गए 177 सदस्य
नवगठित प्रदेश कार्यकारिणी पिछली कई कार्यकारिणी के मुकाबले इस बार इसमें पदाधिकारियों की संख्या कम है, फिर भी यह 177 सदस्यों की टीम है. कार्यकारिणी में 17 उपाध्यक्ष, 71 महासचिव, 16 कार्यकारिणी सदस्य, 33 स्थाई आमंत्रित सदस्य और 40 विशेष आमंत्रित सदस्य बनाए गए हैं.
लंबे अरसे से प्रदेश कार्यकारिणी का गठन नहीं होने के कारण सक्रिय नहीं थे नेता
पार्टी के एक नेता का कहना है कि लंबे अरसे से कार्यकारिणी का गठन न होने के कारण नेता सक्रिय नहीं थे। अब जिम्मेदारियां मिल गई हैं, लिहाजा पार्टी में न केवल सक्रियता आएगी, बल्कि सरकार के खिलाफ होने वाले आंदोलन में भी ताकत नजर आएगी.