नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े में नया अध्याय: अब 23 हजार नहीं 8 हजार Sq. Ft. में ही खुलेंगे संस्थान !

अजब मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े की गजब कहानियों में अब नया एपिसोड जुड़ गया है. दरअसल CBI की जांच में राज्य के लगभग 50 फीसद कॉलेज के अपात्र पाए जाने के बाद अब राज्य सरकार ने ऐसा दांव खेला है जिसको जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करके कॉलेज को ही मान्यता देने के नियमों को शिथिल कर दिया है. मतलब न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी.

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Nursing College News: अजब मध्यप्रदेश में नर्सिंग कॉलेजों के फर्जीवाड़े (Nursing College Fraud) की गजब कहानियों में अब नया एपिसोड जुड़ गया है. दरअसल CBI की जांच में राज्य के लगभग 50 फीसद कॉलेज के अपात्र पाए जाने के बाद अब राज्य सरकार ने ऐसा दांव खेला है जिसको जानकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे. राज्य सरकार ने नियमों में संशोधन करके कॉलेज को ही मान्यता देने के नियमों को शिथिल कर दिया है. मतलब न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी. यहां यह भी जानना जरूरी हो जाता है कि NDTV ने  इस मामले में एक पूरी सीरीज आपके सामने रखी थी और इस मामले में सरकारी लीपापोती की पोल खोली थी. अब ये जान लेते हैं सरकार ने क्या नए कायदे जारी किए हैं. 

सवाल ये है कि नर्सिंग कॉलेज के फर्जीवाड़े के मामलों में क्या नए नियम से रोक लगेंगे या ये और बढ़ेंगे?

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दरअसल सीबीआई रिपोर्ट में सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की सच्चाई बाहर आते ही सरकार ने आनन फानन में नर्सिंग शिक्षण संस्था मान्यता के नियमों में संशोधन कर दिया है. सरकार ने बकायदा साल 2024 के लिए नए नियम बनाए हैं. जिसके मुताबिक पहले जिस नर्सिंग कॉलेज को खोलने के लिए 23000 वर्गफीट की बिल्डिंग की आवश्यकता होती थी उसी को खोलने के लिए अब महज 8000 वर्ग फीट बिल्डिंग की आवश्यकता होगी. हद ये है कि नए कायदे-कानून जारी करने के चक्कर में सरकार ने नर्सिंग पाठ्यक्रमों को रेगुलेट करने वाली अपेक्स संस्था इंडियन नर्सिंग काउंसिल के प्रावधानों की भी अनदेखी कर दी है. मध्यप्रदेश में नर्सिंग के बीएस सी कॉलेज की स्थापना के लिए केन्द्र सरकार के नियमों के साथ-साथ राज्य सरकार के पुराने और नए नियमों पर निगाह डालने से मामला साफ हो जाता है.

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उधर इस मामले में याचिकाकर्ता विशाल बघेल इसे बड़ी गड़बड़ी बताते हैं. उनका कहना है कि पिछले 2 सालों की कड़ी मशक्कत के बाद और सीबीआई जांच के बाद जो कॉलेज गड़बड़ पाए गए थे और बंद किए जा रहे हैं वे सरकार के नए नियमों के बाद अगले सत्र में नए सिरे से फिर मान्यता पाने में अब सफल हो जाएंगे.याचिकाकर्ता ने इन नियमों को भी हाईकोर्ट में चुनौती देने की बात कही है. बता दें कि प्रदेश में हुए नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़े में हाइकोर्ट ने उन सभी 308 नर्सिंग कॉलेज की सूची भी जारी कर दी है जिसकी सीबीआई ने जांच की है. उनके नाम के सामने उपयुक्त, अपूर्ण, अनुपयुक्त की श्रेणी भी बताई है.सीबीआई रिपोर्ट से यह भी साबित हो गया है कि मध्य प्रदेश में 308 नर्सिंग कॉलेज में से सिर्फ 169 नर्सिंग कॉलेज ही मानकों के अनुसार चल रहे थे.सरकार ने हाई कोर्ट से सत्र 2024-25 की मान्यता की प्रक्रिया शुरू करने की अनुमति मांगी थी कोर्ट ने वह भी अनुमति सरकार को दी है.  

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