
पूरे देश में मॉनसून सक्रिय है जिसकी वजह से नदी-नाले ऊफान पर हैं. ऐसे में जरा सी असावधानी जान पर भारी पड़ रही है. ऐसा ही मध्यप्रदेश में भी हुआ है. राज्य में बीते 24 घंटे में सिवनी, भिंड और उमरिया (Seoni, Bhind and Umaria) जिले में पानी में डूबने से 8 बच्चों की मौत हो गई है. अकेले सिवनी जिले में 5 से 10 साल के चार बच्चों की मौत हुई है. सभी का पोस्टमार्टम शव परिजनों को सौंप दिए गए हैं.
सिवनी: चारों बच्चे 5-10 साल के

सिवनी में जिन चार बच्चों की मौत हुई वे सभी 5 से 10 साल की उम्र के थे. इतनी कम उम्र में बच्चों को अकेले तालाब नहीं जाने दिया जाता तो शायद उनकी जान बच सकती थी.
सिवनी में जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर धोबीसर्रा गांव में रविवार शाम को 5 से 10 साल की उम्र के चार लड़के तालाब में नहाने गए थे. जब वे काफी देर तक वापस नहीं लौटे तो गांव वाले उन्हें ढूंढने निकले. काफी तलाशी के बाद उन्हें तालाब के किनारे बच्चों के कपड़े मिले. अनहोनी की आशंका में उन्होंने तुरंत ही पुलिस को मामले की सूचना दी. सूचना मिलने के बाद कुरई के तहसील दार इमरान मंसूरी. एसडीएम रेखा देशमुख और पटवारी अनिल धुर्वे तथा टेकचंद मौके पर पहुंचे. गोताखोरों की मदद से बच्चों के पार्थिव शरीर को बाहर निकाला गया. जिला अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए. इस घटना से पूरा गांव मातम में है.
भाई को बचाने में बहन की भी मौत
दूसरी तरफ भिंड में के किचोल गांव में 11 और 14 साल के दो चचेरे भाई तालाब में नहाते समय डूब गए. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने लड़कों को बचाने की कोशिश की और उन्हें तालाब से बाहर निकाला. उन्होंने लड़कों को नजदीकी अस्पताल पहुंचाया लेकिन वहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. इसके अलावा उमरिया में ही ऐसा ही मामला सामने आया है. यहां के कोतवाली पुलिस थाना प्रभारी राघवेंद्र तिवारी के मुताबिक सेहरा गांव में रविवार दोपहर 6 साल का एक लड़का और उसकी 9 साल की बहन बारिश के पानी से भरे गड्ढे में डूब गए. लड़का खेत में स्थित गड्ढे में हाथ धोने गया और पानी में फिसल गया. अधिकारी के मुताबिक जब उसकी बहन ने उसे डूबते देखा तो वह उसे बचाने के लिए पानी के गड्ढे में घुस गई, लेकिन दोनों डूब गए.