MCB News: मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले में आगनबाड़ी में लापरवाही का मामला सामने आया है. जिले के ग्राम पंचायत खमरौध के कारीमाटी आंगनबाड़ी केंद्र (Anganwadi Center) में पिछले 15 दिनों से बच्चों को पका हुआ भोजन नहीं दिया जा रहा है. बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र जाते हैं और भूखे पेट ही घर वापस चले आते हैं. इसके विरोध में आंगनबाड़ी केंद्र में आ रहे बच्चों के परिजन आंगनबाड़ी केंद्र कारीमाटी में एकत्रित हुए. परिजनों ने कहा कि जब केंद्र पर बच्चों को भोजन नहीं मिल रहा है तो हम बच्चों को आंगनबाड़ी आखिर भेजें ही क्यों. इस पूरे मामले को लेकर केंद्र के लोगों ने साफ तौर से कोई जवाब नहीं दिया. अधिकारी का कहना है कि केंद्र की कार्यकर्ता और सहायिका की आपस में नहीं बनती इसलिए ऐसी हालत हुई है.
आखिर किसकी गलती?
एक तरफ जहां शासन कुपोषण दूर करने के लिए बच्चों को स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ बेहतर पोषण आहार दिए जाने का दावा कर रही है, तो वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी केंद्र कारीमाटी का हाल बेहाल है. आंगनबाड़ी केंद्र कारीमाटी की सहायिका उर्मिला सिंह ने बताया कि 14 फरवरी से आज तक बच्चों को चावल और दाल नहीं मिला है. कई दिन बच्चे भूखे ही अपने घर चले जाते हैं क्योंकि फरवरी महीने में तेल, सब्जी, चावल आदि सामग्री आंगनबाड़ी केंद्र में नहीं पहुंची.
'कभी-कभी मिलता है रोटी और नमक'
मामले में ग्राम पंचायत खमरौंध की मितानिन मालती, सुनीता व कुंदन बाई ने कहा कि कई दिनों से बच्चों को चावल और दाल नहीं मिल रहा है. कभी-कभी रोटी नमक बच्चों को मिल जाता है, इसे खाकर बच्चे घर वापस जाते हैं और घर जाकर भूखे होने की बात कह कर खाना मांगते हैं, क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्र से बच्चों को भूखा ही भेज दिया जाता है.
पीने के लिए नहीं है पानी
इस आंगनबाड़ी केंद्र में बच्चों को पीने के लिए पानी की सुविधा भी नहीं है. आंगनबाड़ी के सामने ही हैंडपंप है, लेकिन नल जल योजना के तहत हैंडपंप को सिंटेक्स की टंकी से जोड़ दिया गया और आंगनबाड़ी केंद्र में पानी की टोटी भी नहीं दी गई. बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र में पीने के लिए पानी नहीं मिल रहा है. आंगनबाड़ी केंद्र से 100 मीटर दूर गोठान में जाकर बच्चे पानी पीने के लिए मजबूर हैं.
आज तक नहीं मिला रेडी-टू-ईट फूड
केंद्र पर एक गर्भवती महिला, कुंदन ने बताया कि आज तक वहां रेडी-टू-ईट फूड पोषण आहार नहीं मिला है. कुछ दिन पहले वो 4 पैकेट खाना आंगनबाड़ी केंद्र की सहायिका से लेकर गई थी, जिसके बाद आंगनबाड़ी कार्यकर्ता चंपा सैंडल ने कुंदन को डांटा. इसके बाद उसने रेडी-टू-ईट का पैकेट आंगनबाड़ी केंद्र में वापस कर दिया.
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बाल विकास परियोजना अधिकारी ने कही ये बात
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिका की लापरवाही के मामले में बाल विकास परियोजना अधिकारी गीता गोटिया ने कहा कि राशन का टोकन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को दे दिया जाता है पर वह राशन नहीं उठा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सहायिका का आपस में नहीं बन रहा है.
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