Navratri 2023: नवरात्रि का त्योहार रविवार से शुरू हो गया है. 9 दिनों तक माता की भक्ति में भक्त डूबे रहेंगे. शारदीय नवरात्रि पर भक्त देवी दुर्गा के 9 अवतारों की पूजा-अर्चना करते हैं. माता को खुश करने के लिए भक्त भजन-कीर्तन और व्रत उपवास भी रखते हैं. इन नौ दिनों जगह-जगह माता की झांकी देखने को मिलती है. भारत के अलग-अलग स्थान पर देवी मां के स्वरूपों के कई चमत्कार के किस्से हमें सुनने को मिलते हैं..ऐसे ही एक चमत्कार के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं जिसका रहस्य जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे.
हम राजधानी भोपाल के रायसेन के एक ऐसे मंदिर की हम बात कर रहे हैं, जहां माता की मूर्ति की टेढ़ी गर्दन एक दिन के लिए सीधी हो जाती है. आइए जानते हैं कहां है यह मंदिर.. और क्या है इसके पीछे का रहस्य.
कंकाली माता मंदिर रायसेन जिले के गोदवाल गांव में है. कहा जाता है कि यहां मां काली की देश की पहली ऐसी मूर्ति है जिसकी गर्दन 45 डिग्री झुकी हुई है. मान्यता है कि खुदाई के दौरान इस मंदिर के बारे में पता चला. मंदिर तकरीबन 1731 के आसपास बना था, लेकिन इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि यह मंदिर कब अस्तित्व में आया क्योंकि इसका सटीक प्रमाण आज तक नहीं मिला है.
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आया था माता का स्वप्न
कहा जाता है कि स्थानीय निवासी हरलाल मेडा को मंदिर के बारे में एक सपना आया था. उसके बाद उन्होंने जमीन पर जाकर खुदाई करवाई..तो देवी मां की मूर्ति मिली. इसके बाद मूर्ति के स्थान पर ही देवी मां की मूर्ति स्थापित हो गई..तब से ही मंदिर का विस्तार और मां की पूजा-अर्चना की जा रही है.
मंदिर के भीतर नहीं हैं एक भी पिलर
इस मंदिर में माता के दर्शन करने के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है. मंदिर परिसर के अंदरूनी हिस्से में 10 हज़ार वर्ग फीट के हॉल में एक भी पिलर नहीं है. यह अपने आप में एक अद्भुत कला का नमूना है.
कहा जाता है कि मंदिर में आकर जो भी भक्त मनोकामना मांगता है, उसकी मुराद जरूर पूरी होती है. बता दें, देश के कोने-कोने से अपनी मांग पूरी करने के लिए भक्त यहां आते हैं. श्रद्धालु बंधन बांधकर मनोकामना मांगते हैं और मन्नत पूरी होने के बाद बांधा गया बंधन खोल कर जाते हैं.
नि:संतान दम्पतियों की भर देती हैं झोली
मान्यता है कि मां के सामने हाथ फैलाने वाले नि:संतान दम्पतियों की गोद भर जाती है. माता की कृपा से यहां हर कोई हाथ फैला कर आता है, लेकिन झोली भरकर लौटता है. इसके लिए महिलाएं यहां उल्टे हाथ से गोबर लगाती हैं और मनोकामना पूरी होने के बाद सीधे हाथ का निशाना बनाती हैं. मंदिर परिसर में हजारों की संख्या में हाथों के उल्टे और सीधे निशाना नजर आते हैं.
इस दिन होती है माता की गर्दन सीधी
कंकाली देवी मंदिर में स्थापित माता की गर्दन टेढ़ी है जो केवल दशहरे के दिन सीधी होती है. कहते हैं जो भी भक्त मां की सीधी गर्दन देख लेता है. उसके जीवन के सारे दुख दूर हो जाते हैं. बहुत ही भाग्यशाली भक्तों को ही माता की सीधी गर्दन के दर्शन होते हैं. खास तौर पर नवरात्रि के दिनों में मां भवानी के दर्शन करने के लिए पूरे देश के कोने-कोने से श्रद्धालु आते हैं.