
National Sports Day 2025: भारत में 29 अगस्त को 'राष्ट्रीय खेल दिवस' (National Sports Day) के रूप में मनाया जाता है. यह दिन मेजर ध्यानचंद (Major Dhyan Chand) को समर्पित है. मेजर ध्यानचंद 'हॉकी के जादूगर' थे. उनका खेल अद्भुत था. जब गेंद उनके पास होती, तो इसे उनसे छीनना नामुमकिन होता. मेजर ध्यानचंद ने भारत को तीन ओलंपिक स्वर्ण दिलाए. उनकी गिनती दुनिया के महानतम खिलाड़ियों में होती है. आज भी भारतीय उनके खेल को याद करके गर्व महसूस करते हैं.
हॉकी के जादूगर #मेजर_ध्यानचंद को उनकी जयंती पर नमन!🏑
— सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय (@MIB_Hindi) August 29, 2024
उनकी जयंती #राष्ट्रीय_खेल_दिवस के रूप में मनाई जाती है। उन्होंने लगातार 3 ओलिंपिक खेलों में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया और खेल जगत में अमिट छाप छोड़ी। उनकी विरासत और उपलब्धियाँ युवाओं और खिलाड़ियों को सदैव प्रेरणा देती रहेंगी। pic.twitter.com/6NrRDY0KUC
ऐसा था मेजर ध्यानचंद का जीवन
29 अगस्त 1905 को प्रयागराज में जन्मे ध्यान सिंह के पिता ब्रिटिश सेना में थे. वह हॉकी के शौकीन थे. पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए ध्यान सिंह महज 16 साल की उम्र में बतौर सिपाही सेना में शामिल हो गए. उन्होंने भी सेना में सेवा देते हुए हॉकी खेलना शुरू कर दिया.
मेजर ध्यानचंद की प्रतिभा को देखते हुए उन्हें सेना की टीम में न्यूजीलैंड दौरे के लिए चुन लिया गया. इस दौरे पर मेजर ध्यानचंद ने शानदार प्रदर्शन किया और सेना की टीम ने 18 मैच जीते. सिर्फ एक ही मुकाबले में उसे हार मिली.
'हॉकी के जादूगर' के नाम से प्रसिद्ध मेजर ध्यानचंद भारतीय हॉकी के महानतम खिलाड़ियों में से एक हैं। उनके खेल से भारत तीन बार ओलंपिक पदक विजेता बना। उनकी जयंती को देश में राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।#GoldenFrames pic.twitter.com/FbyWM7UXsL
— Ministry of Culture (@MinOfCultureGoI) August 29, 2024
ओलंपिक का सफर
जब नवगठित भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) ने 1928 ओलंपिक के लिए एक टीम भेजने का फैसला किया, तो ध्यानचंद को ट्रायल के लिए बुलाया गया. ध्यानचंद ने न सिर्फ टीम में जगह बनाई, बल्कि पांच मुकाबलों में 14 गोल दागते हुए शीर्ष स्कोरर भी रहे. भारतीय हॉकी टीम पूरे टूर्नामेंट में अजेय रही और गोल्ड जीता.
इस मुकाबले की समाप्ति के बाद हिटलर ने ध्यानचंद से मुलाकात की और उन्हें अपनी सेना में बड़ा पद ऑफर किया, लेकिन ध्यानचंद ने विनम्रता के साथ इसे ठुकरा दिया. जब मेजर ध्यानचंद हॉकी खेलते, तो मानो गेंद उनकी हॉकी स्टिक से चिपक ही जाती. हॉलैंड के खिलाफ एक मैच के दौरान उनकी हॉकी स्टिक को तोड़कर चेक तक किया गया, लेकिन जांच में उन्हें निर्दोष पाया गया.
करीब 22 वर्षों तक मेजर ध्यानचंद ने भारत के लिए हॉकी खेलते हुए 400 से ज्यादा गोल दागे. 'पद्म भूषण' से सम्मानित इस दिग्गज हॉकी खिलाड़ी के नाम पर आज खिलाड़ियों को 'मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड' दिए जाते हैं. 3 दिसंबर 1979 को मेजर ध्यानचंद ने कैंसर से जंग लड़ते हुए दुनिया को अलविदा कह दिया.
MP में होंगे ये इवेंट
मध्य प्रदेश में राष्ट्रीय खेल दिवस उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाएगा. राज्य के खेल व युवक कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने कहा है कि राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर पूरे प्रदेश में तीन दिवसीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा.
पूरा प्रदेश खेलमय हो, हर वर्ग खेल से जुड़े, और खेल हमारी दिनचर्या का अंग बने, इस उद्देश्य से पूरे प्रदेश में तीन दिवसीय खेल के आयोजन किए जा रहे हैं. यह आयोजन अलग-अलग स्तर पर होंगे. इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री मोहन यादव सम्मिलित होंगे.
खेल व युवक कल्याण मंत्री सारंग ने कहा है कि खेल आम आदमी की जिंदगी का हिस्सा बने, इसके लिए विविध कार्यक्रम होंगे. खेल दिनचर्या का हिस्सा बने, इसलिए युवा, बुजुर्ग, और महिलाएं, हर व्यक्ति खेल से जुड़े, और पारंपरिक खेलों का आयोजन हो, इसकी कार्ययोजना बनाई है. तीन दिन के इस कार्यक्रम में हर वर्ग से आहवान किया जा रहा है कि वे इन आयोजनों के साथ खेल से जुड़ें ताकि अपने स्वास्थ्य को चुस्त दुरुस्त करें, साथ ही स्वस्थ समाज के संकल्प को दोहराएं. इस आयोजन के दौरान 30 अगस्त को विचारपुर और सरदारपुर गांव की टीमों के बीच फुटबॉल मैच होगा. बताया गया है कि खेल एवं युवक कल्याण विभाग के साथ विभिन्न विभाग जिनमें स्कूल शिक्षा और उच्च शिक्षा शामिल हैं, सभी मिलकर खेल दिवस के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों में अपनी हिस्सेदारी निभाने की तैयारी कर रहे हैं. आयोजन स्थलों को आकर्षक रूप दिया जा रहा है.
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