
Maihar Rewa Latest News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) को 'टाइगर स्टेट' कहा जाता है. वो इसलिए क्योंकि यहां 9 टाइगर रिजर्व पार्क है. इस क्षेत्र में बाघों की संख्या बहुत अच्छी है. एमपी के प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन आयोग ने मैहर (Maihar) जिले के अमरपाटन तहसील के अंतर्गत आने वाले गांव आनंदगढ़, आमिन, धोबहट, मुकुंदपुर, परसिया और पपरा को जिले से अलग कर रीवा (Rewa) जिले में सम्मिलित करने पर विचार शुरू कर दिया है. इस प्रस्ताव में विशेष रूप से मुकुंदपुर का नाम शामिल है, जो विश्व प्रसिद्ध मुकुंदपुर टाइगर रिजर्व (Mukundpur Tiger Reserve) और व्हाइट टाइगर सफारी के कारण मैहर का गौरव माना जाता है. जानकारी के अनुसार, आयोग ने इस संबंध में 9 जुलाई 2025 को दो अलग-अलग पत्र जारी किए हैं. पहले पत्र में मुख्यमंत्री कार्यालय के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी से प्राप्त आवेदन का हवाला देते हुए इन छह ग्राम पंचायतों को रीवा जिले में शामिल करने पर अभिमत मांगा गया है. यह आवेदन 27 जनवरी 2025 को प्राप्त हुआ था.

मुकुंदपुर टाइगर रिजर्व को रीवा में शामिल किया जा सकता है
रीवा में मुकुंदपुर को शामिल नहीं करने का तर्क
आयोग द्वारा जारी दूसरे पत्र में ग्राम पंचायत मुकुंदपुर की ग्राम सभा द्वारा भेजे गए आवेदन का उल्लेख है, जिसमें स्पष्ट रूप से मांग की गई है कि भविष्य में परिसीमन के दौरान मुकुंदपुर को रीवा में न मिलाया जाए, बल्कि मैहर जिले में ही रखा जाए. ग्राम सभा का तर्क है कि मुकुंदपुर का आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन महत्व मैहर से गहराई से जुड़ा है और इसे अलग करना स्थानीय जनता के हित में नहीं होगा.

मुकुंदपुर टाइगर रिजर्व में नजर आते हैं सफेद बाघ
जिला प्रशासन से मांगा लेखा-जोखा
आयोग ने अब इस मामले को लेकर मैहर जिला प्रशासन से कहा है कि इन 6 गांवों की भौगोलिक, आर्थिक, सामाजिक और प्रशासनिक परिस्थितियों की जांच कर विस्तृत रूप में अभिमत/प्रतिवेदन प्रस्तुत करे. कलेक्टर स्तर पर अनुमोदन के बाद यह रिपोर्ट एसडीएम के माध्यम से तैयार कर आयोग को भेजी जाएगी.

एमपी में सफेद बाघों का सबसे बड़ा घर है मुकुंदपुर टाइगर रिजर्व
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क्यों रीवा में शामिल होगा मुकुंदपुर?
सूत्रों की मानें, तो मुकुंदपुर को रीवा में शामिल करने का एक बड़ा कारण इसकी भौगोलिक निकटता है, क्योंकि टाइगर रिजर्व का मुख्य प्रवेश द्वार रीवा जिले से आसान पहुंच में है. वहीं, मैहर के लोग और जनप्रतिनिधि इसे जिले के गौरव और पर्यटन आय का महत्वपूर्ण स्रोत मानते हैं. अगर यह प्रस्ताव मंजूर हो गया, तो न केवल मैहर जिले की पर्यटन पहचान पर असर पड़ेगा, बल्कि राजस्व और रोजगार के अवसर भी प्रभावित हो सकते हैं.
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