
छतरपुर: चंद्रयान-3 मिशन के सफल होने के बाद देशभर में खुशी की लहर है. यह बात भी सच है कि चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के पीछे भारत के काबिल वैज्ञानिकों का हाथ है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस चंद्रयान मिशन की सफलता में तीन लोग मध्य प्रदेश के भी हैं. आपको बता दें, छतरपुर जिले के सेंधपा गांव निवासी कृति फौजदार भी इस मिशन में शामिल हैं.
चंद्रयान मिशन में MP की इस बेटी का भी हाथ
आपको बता दें, वैज्ञानिक कृति फौजदार डॉ. ऋषभचंद्र फौजदार की बेटी और वरिष्ठ पत्रकार प्रद्युम्न फौजदार की भतीजी है. कृति इस अभियान में न सिर्फ शामिल रहींं बल्कि उन्होंने इस मिशन को कामयाब बनाने में अहम योगदान भी दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अभियान से जुड़े तमाम योग्य वैज्ञानिकों को सलाम करते हुए कहा था कि भारत दुनिया का इकलौता ऐसा राष्ट्र बन गया है जिसने चंद्रमा पर ऐसी कामयाबी हासिल की है जो आज तक दुनिया का कोई देश हासिल नहीं कर सका.

कृति ने सैटेलाइट भी संचालित किया
कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करने वाली इसरो की वैज्ञानिक कृति फौजदार सिर्फ 29 साल की हैं और अभियान में शामिल टीम की सबसे कम उम्र की वैज्ञानिक हैं. इससे पहले कृति ने इसरो से ही सैटेलाइट को संचालित किया है. कृति फौजदार अपनी उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और सीनियर्स को देती हैं. गौरतलब है कि कृति फौजदार के पिता डॉ. ऋषभ चंद्र फौजदार इस वक्त सागर संभाग के दमोह में स्थित एकलव्य यूनिवर्सिटी में विभागाध्यक्ष हैं. इससे पहले कृति के पिता बिहार में बतौर डायरेक्टर पद पर तैनात थे जबकि उनकी मां वीणा फौजदार एक ग्रहणी हैं.
कृति का होगा सम्मान
कृति फौजदार इसरो की सर्वश्रेष्ठ महिला वैज्ञानिकों में से एक हैं. कंप्यूटर वैज्ञानिक कृति फौजदार मास्टर कंट्रोल फैसिलिटी के साथ काम करती हैं. वह उस टीम का हिस्सा हैं जो सैटेलाइट्स और दूसरे मिशन पर नजर रखती है. कृति फौजदार पर जिम्मेदारी है कि अगर कुछ गलत हो रहा है तो वह उसे तुरंत ठीक कर दें. मध्य प्रदेश श्रमजीवी पत्रकार संघ के प्रदेश अध्यक्ष शलभ भदौरिया और जिला अध्यक्ष श्याम खरे ने कृति फौजदार को शुभकामनाएं दी हैं. साथ ही कृति को सम्मानित करने का भी ऐलान किया है.
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