MP High Court: फिर बनेगी मेरिट लिस्ट... MPPSC प्री एग्जाम के दो सवालों पर HC की आपत्ति, जानिए क्या थे प्रश्न

MP News: पीएससी-प्री परीक्षा में पूछे गए सवालों में से कुछ प्रश्न ऐसे हैं, जिन पर आपत्ति पेश की गई. इसे लेकर प्रदेश के अलग-अलग जगहों से 19 याचिकाएं मुख्यपीठ जबलपुर में दायर की गईं.

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Madhya Pradesh High Court News: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट (Madhya Pradesh High Court) ने MPPSC-2023 प्री एग्जाम (MPPSC Pre Exam) के दो सवाल गलत माने हैं. इसके आधार पर राज्य वन सेवा परीक्षा 2023 (State Forest Service Exam 2023) की मेंस (State Forest Service Mains Exam) जो 30 जून को प्रस्तावित हैं, उसकी प्री की मेरिट लिस्ट फिर से बनाने के आदेश दिए हैं. अब फाॅरेस्ट सर्विस परीक्षा (Forest Service Exam) का प्री का रिजल्ट फिर आएगा. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थियों को पीएससी-2023 मुख्य परीक्षा में शामिल होने के संबंध मे बड़ी राहत दे दी थी. हाई कोर्ट ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिए थे कि वे आठ मार्च को पीएससी के इंदौर स्थित कार्यालय जाकर स्वयं आवेदन करें. इसके बाद आयोग उन अभ्यर्थियों का प्रवेश पत्र जारी करे. 11 मार्च, 2024 को मुख्य परीक्षा का आयोजन होना था.

किस पर है आपत्ति?

मामला प्रारंभिक परीक्षा में कुछ विवादित प्रश्नों से जुड़ा है. न्यायमूर्ति (High Court Justice) विवेक अग्रवाल की एकलपीठ ने उन याचिकाकर्ताओं को विवादित प्रश्नों के संबंध में चार्ट पेश करने कहा था, जिन्होंने आयोग के समक्ष माडल आंसर-की पर आपत्ति पेश की थी.

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कोर्ट ने साफ किया चूंकि यह जनहित याचिका नहीं है, इसलिए उन्हीं उम्मीदवारों के प्रकरणों पर विचार किया जाएगा, जिन्होंने आपत्ति पेश की है और याचिका दायर की है.

पहले सुनवाई के दौरान पीएससी सचिव प्रबल सेपाहा ने हाजिर होकर रिपोर्ट भी पेश की थी. उन्होंने यह दलील भी दी थी कि पीएससी को एक्सपर्ट कमेटी गठन के संबंध में नियम बनाने का अधिकार प्राप्त है. तब हाई कोर्ट ने पीएससी को नियम भी पेश करने के निर्देश दिए थे.

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पीएससी-प्री परीक्षा में पूछे गए सवालों में से कुछ प्रश्न ऐसे हैं, जिन पर आपत्ति पेश की गई. इसे लेकर प्रदेश के अलग-अलग जगहों से 19 याचिकाएं मुख्यपीठ जबलपुर में दायर की गईं.

भोपाल के अभ्यर्थी आनंद यादव ने राज्य सेवा परीक्षा, 2023 के प्रारंभिक परीक्षा में पूछे गये तीन विवादित प्रश्नों को चुनौती दी है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अंशुल तिवारी और एमके मिश्रा ने बताया कि फ्रीडम आफ प्रेस से जुड़ा सवाल, ग्रीन मफलर किस प्रदूषण से संबंधित है, एमेच्योर कबड्डी फेडरेशन का हेडक्वार्टर से जुड़े सवालों पर आपत्ति पेश की गई थी.

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