
MP Vidhan Sabha Monsoon Session: मध्यप्रदेश में विधानसभा का मॉनसून सत्र जारी है. सदन में चर्चा के दौरान स्कूल शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ एक बड़ा मामला सामने आया है. जिसमें ट्रांसफर नीति और शिक्षा पोर्टल 3.0 की पोल खुली है. मामले में ट्रांसफर के लिए जो अर्जियां आई उससे तीन गुना ट्रांसफर कर दिए गए. शिक्षा विभाग की लापरवाही में स्कूल शिक्षा विभाग का अजब कारनामा सामने आया है. जब विधानसभा में सवाल उठता है तो इस पूरे मामले का खुलासा होता है.
क्या है मामला?
मध्यप्रदेश में कुछ समय पहले स्कूल शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के तबादलों के लिए नया ऑनलाइन पोर्टल 3.0 शुरू किया और कहा कि इच्छुक शिक्षक ऑनलाइन आवेदन करें. इस पर 4,503 शिक्षकों ने आवेदन किया. लेकिन चौंकाने वाली बात ये रही कि विभाग ने आवेदन से ढाई गुना ज्यादा यानी 11,584 शिक्षकों के तबादले कर डाले. यह खुलासे तब हुए जब कांग्रेस के पूर्व मंत्री और राघौगढ़ विधायक जयवर्धन सिंह ने स्कूली शिक्षा मंत्री से सदन में स्थानांतरित किये गए शिक्षकों का आंकड़ा पूछा.
- सरकार ने ट्रांसफर प्रक्रिया में इस बार बदलाव किया
- ट्रांसफर प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन किया
- ऑनलाइन करने का मकसद पारदर्शिता बढ़ाना था
- बावजूद इसमें भी "ट्रांसफर कांड" देखने को मिला
- 4,503 शिक्षकों ने स्थानांतरण के लिए आवेदन किया
- विभाग ने 11,584 शिक्षकों के तबादले कर डाले
कांग्रेस अब लगातार सवाल उठा रही है कि जब महंगा पोर्टल सही से काम ही नहीं कर रहा था,और आवेदन आए कम, तबादले हुए ज्यादा, तो आखिर मध्यप्रदेश का शिक्षा विभाग किस आधार पर काम कर रहा है?
सदन में क्या हुआ?
राघौगढ़ से कांग्रेस विधायक जयवर्धन सिंह ने विधानसभा में स्कूल शिक्षा विभाग से शिक्षकों के तबादलों को लेकर सवाल पूछा था. स्कूल शिक्षा मंत्री ने जब इसका जवाब दिया तो चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए. इतना ही नहीं विभाग ने ट्रांसफर के लिए बनाए पोर्टल पर करीब पौने 6 करोड़ रुपये खर्च कर दिए. लेकिन अब जब गड़बड़ी सामने आ रही है तो फिर पोर्टल के टेक्निकल समस्याओं के चलते यह ट्रांसफर होना बता रहे हैं.
विधायक जयवर्धन सिंह के सवाल के जवाब में स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह ने बताया कि नए पोर्टल 3.0 को तैयार करने के लिए केंद्र सरकार की संस्था निक्सी को 9 सितंबर 2024 को वर्क ऑर्डर दिया गया था. जिसकी कुल लागत 5 करोड़ 70 लाख 80 हजार 250 रुपए है. इसकी 5 साल की अवधि तय की गई है. पोर्टल का लॉग इन एक्सेस मध्यांश स्कूल, संकुल, विकासखंड, जिला, संभाग और राज्य स्तर पर पदों के अनुसार दिए हैं. इसके साथ ही पोर्टल पर दर्ज अधिकारी, कर्मचारियों की भी व्यक्तिगत जानकारी और पोर्टल पर उपलब्ध जानकारियों और कामों के लिए एक्सेस दिया है.
स्कूली शिक्षा मंत्री ने कहा जयवर्धन को एक चीज समझनी पड़ेगी कि भाजपा सरकार नियमों के दायरे में काम करने वाली सरकार है. हमारी स्थानांतरण नीति के अनुसार हम जो कर सकते थे वो किया. यही कांग्रेस के समय होता है कि वह कलम के आधार पर ट्रांसफर करते हैं. जो मापदंड निर्धारित है हम उसके अनुसार ही काम करते हैं. खासकर शिक्षक ऐसा पद है जिसे आप बहुत बड़ी संख्या में स्थानांतरित नहीं कर सकते हैं. शिक्षकों के स्थानांतरण से जो शिक्षक अच्छा काम कर रहे हैं वे भी प्रभावित होते हैं. स्कूलों के मापदंड भी प्रभावित होते हैं. कई चीजें हमें देखना होती है उसके बाद हम उनका स्थानांतरण करते हैं.
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