
Tourism in Madhya Pradesh : मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड (Madhya Pradesh Tourism Board) की ओर से छिंदवाड़ा जिले के देवगढ़ में बन रहे होम स्टे (Home Stay) का निर्माण कार्य पूर्ण होने पर है. नए वर्ष के शुरुआती दिनों में यह होम स्टे पर्यटकों के लिए खोल दिये जायेंगे. होम स्टे खुल जाने से देवगढ़ घूमना और प्रकृति के बीच रात रुकना आसान हो जायेगा. देवगढ़ गांव में देवगढ़ का किला स्थित है, जहां कई पुरानी बावली हैं. जो जीर्ण-शीर्ण अवस्था में थी, यहां मौजूद जलसंरचनाएं हमारी विरासत हैं. सरकार इनका जीर्णोद्धार कर इनका भी मूल वैभव व स्वरूप लौटाया जा रहा है.
आज जलाभिषेकम् कार्यक्रम में ₹2000 करोड़ से अधिक की लगभग 57 हजार जल संरचनाओं का वर्चुअल लोकार्पण हुआ,उन्ही में एक है छिन्दवाड़ा ज़िले का देवगढ़,जहां जल संरचनाओं का जीर्णोध्दार कर मूल स्वरूप में लाकर जल संचयन एवं संवर्धन किया जा रहा है।@dmchhindwara @prochhindwara #जलहीजीवन_है pic.twitter.com/IfGzF9S7qV
— Jansampark MP (@JansamparkMP) February 11, 2021
पर्यटन को बढ़ावा देने का काम शुरु
जिला पुरातत्व, पर्यटन व संस्कृति परिषद के नोडल अधिकारी बलराम राजपूत ने बताया कि कलेक्टर मनोज पुष्प व जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पार्थ जैसवाल के मार्गदर्शन में जिले में पर्यटन को बढ़ावा देने व पर्यटकों को सुविधायें देने की गतिविधियां संचालित की जा रहीं हैं.
बलराम राजपूत ने बताया कि देवगढ़ में जंगल-पहाड़-नदी के साथ ही गोंड शासन काल का आलीशान किला भी है. साथ ही सदियों पुरानी बावड़ियां भी देखने योग्य हैं. देवगढ़ के पास अद्भुत लिलाही जलप्रपात भी है. अभी तक पर्यटकों के रुकने की व्यवस्था नहीं होने के कारण लोगों को देवगढ़ से वापस आना पड़ता था, लेकिन मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड की होम स्टे योजना का लाभ मिल जाने से 8 होम स्टे बन रहे हैं, जिससे देवगढ़ में रुकना आसान हो जायेगा.
मजबूत होगी ग्रामीण अर्थव्यवस्था
गांव में पर्यटकों के रुकने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी मजबूत होगी. पहले चरण में 3 होम स्टे पर्यटकों के लिए उपलब्ध होंगे. इसके बाद आने वाले कुछ दिनों में सभी उपलब्ध हो जायेंगे. गौरतलब है कि देवगढ़ किले के साथ यहाँ की पहाड़ियां और सागौन के जंगल देश-विदेश के पर्यटकों को बेहद लुभाते हैं. बता दें कि मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में16वीं शताब्दी का ऐतिहासिक देवगढ़ किला स्थित है. सैकड़ों की संख्या में यहाँ मौजूद बावड़ियाँ और कुँए इसे अनूठा बनाते हैं. इन दिनों यहाँ जिला प्रशासन द्वारा बहुमूल्य बावड़ियों के पुनर्निर्माण का कार्य मनरेगा के तहत प्रवासी मजदूरों द्वारा कराया जा रहा है.
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