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रिकॉर्ड बिजली की मांग, बिना कटौती सप्लाई और भर्तियां, ऊर्जा मंत्री तोमर ने गिनाईं सरकार की दो साल की उपलब्धियां

भोपाल में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सरकार के दो साल पूरे होने पर प्रेस वार्ता में बिजली व्यवस्था को लेकर बड़े दावे किए. उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश ने रिकॉर्ड मांग के बावजूद बिना कटौती बिजली सप्लाई कर देश में मिसाल कायम की है. स्मार्ट मीटर, सब्सिडी और बड़े पैमाने पर भर्तियों से व्यवस्था में सुधार हुआ है.   

रिकॉर्ड बिजली की मांग, बिना कटौती सप्लाई और भर्तियां, ऊर्जा मंत्री तोमर ने गिनाईं सरकार की दो साल की उपलब्धियां

मध्य प्रदेश सरकार में ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने सरकार के दो साल पूरे भोपाल में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने कहा कि 12 दिसंबर को प्रदेश के इतिहास में पहली बार 19,113 मेगावाट की सर्वाधिक बिजली मांग बिना किसी कटौती के पूरी की गई. यह राज्य सरकार की समयबद्ध कार्य योजना और मजबूत बिजली प्रबंधन का परिणाम है. उन्होंने कहा कि हर साल बिजली की खपत में लगातार बढ़ रही है. 

मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश की कुल अनुबंधित विद्युत क्षमता 25,081 मेगावाट है, जिसके चलते मध्यप्रदेश एक सरप्लस राज्य की स्थिति में है. हालांकि उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि वर्ष 2011 के बाद बिजली कंपनियों में नियमित भर्तियां नहीं होने से व्यवस्थागत कठिनाइयां बढ़ीं और पूरा भार संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों पर आ गया. आम जनता से लगातार शिकायतें मिलने के बाद मंत्री परिषद ने बिजली कंपनियों में 50 हजार से अधिक नियमित पदों पर भर्ती को स्वीकृति दी है.

प्रद्युम्न सिंह तोमर ने स्मार्ट मीटर को उपभोक्ताओं के लिए फायदेमंद बताया. उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से समय पर और सही बिल उपलब्ध कराए जा रहे हैं. वितरण केंद्र स्तर पर प्रभारी अधिकारी प्रतिदिन पांच उपभोक्ताओं से फोन पर सीधे संवाद कर रहे हैं. स्मार्ट मीटर के जरिए सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक मिलने वाली सस्ती बिजली का लाभ उपभोक्ताओं को दिया जा रहा है. इस अवधि में की गई खपत पर 20 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है.

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ऊर्जा मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार अलग अलग श्रेणियों के उपभोक्ताओं को बड़ी मात्रा में बिजली सब्सिडी दे रही है. हर माह करीब एक करोड़ घरेलू उपभोक्ताओं से पहले 100 यूनिट बिजली के लिए केवल 100 रुपये लिए जा रहे हैं. किसानों को देय राशि का मात्र 7 प्रतिशत भुगतान दो किस्तों में करना होता है. अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के एक हेक्टेयर तक भूमि वाले और पांच एचपी पंपधारक किसानों को मुफ्त बिजली दी जा रही है.

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हर साल 26 हजार करोड़ की सब्सिडी

घरेलू और कृषि उपभोक्ताओं को हर साल करीब 26 हजार करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जा रही है. उद्योगों को भी रियायती दरों पर बिजली उपलब्ध कराई जा रही है, जिससे सालाना लगभग 2,000 करोड़ रुपये की छूट दी जा रही है. हालांकि, उन्होंने  चिंता जताई कि समय पर बिजली बिलों का भुगतान नहीं होने से बकाया राशि 11 हजार करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है. उन्होंने उपभोक्ताओं से समय पर भुगतान करने की अपील की.

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