
MP Police Constable Recruitment Fraud: मध्य प्रदेश में पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में बड़े फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ हुआ है. साल 2023 में हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा (Police Recruitment Scam in Madhya Pradesh) को लेकर जानकारी सामने आई है कि इसमें आधार कार्ड अपडेट करवाकर असली कैंडिडेट की जगह सॉल्वर ने परीक्षा दी थी. मामले में 19 आरक्षकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
जानकारी के मुताबिक, चयनित अभ्यर्थियों के कैरेक्टर वेरिफिकेशन में खुलासा हुआ कि 19 आरक्षकों ने असली कैंडिडेट की जगह सॉल्वर से परीक्षा दिलवाई थी. इन अभ्यर्थियों ने परीक्षा के पहले और जॉइनिंग के पहले आधार कार्ड अपडेट करवाया था, जिससे सॉल्वर पकड़े नहीं गए.
कैसे हुआ खुलासा?
पुलिस मुख्यालय की चयन एवं भर्ती शाखा ने कैरक्टर वेरिफिकेशन में आधार कार्ड का वेरिफिकेशन शामिल किया था. इसमें पाया गया कि इन अभ्यर्थियों के फिंगर प्रिंट और फोटो में भिन्नता थी, और फोटो हल्की ब्लर भी थी. इसके बाद इन पर अलग-अलग जिलों में FIR दर्ज की गई.
दरअसल, इस बार आधार कार्ड अपडेट करवाकर फर्जीवाड़े के लिये नई मॉडस ऑपरेंडी अपनाई गई. इससे परीक्षा देते वक्त आधार का पूरा डाटा मैच हुआ जिससे सॉल्वर पकड़े नहीं गए लेकिन चयन एवं भर्ती शाखा ने कैरेक्टर वेरीफिकेशन में नया नियम लागू किया. इसके तहत आधार का भी वेरिफिकेशन किया गया तो खुलासा हुआ कि अभ्यर्थियों ने परीक्षा के पहले और जॉइनिंग के पहले आधार कार्ड अपडेट कराया है. अलग-अलग जिलों में जब जॉइनिंग के लिए सूची भेजी गई तो दस्तावेजों के सत्यापन और आधार कार्ड की हिस्ट्री के सत्यापन में यह पूरा खुलासा हुआ. इन्होंने अपने बायोमेट्रिक भी चेज करवाया है.
कितने पदों पर हुई थी भर्ती?
यह घोटाला 7411 पदों पर आरक्षक भर्ती के लिए हुई पुलिस आरक्षक भर्ती परीक्षा में सामने आया है. यह परीक्षा 2023 में हुई थी.
पुलिस मुख्यालय की चयन एंव भर्ती शाखा की ADG सोनाली मिश्रा ने NDTV को बताया कि हमने पहली बार ज्वाइनिंग के पहले आधार वेरिफिकेशन भी करवाया. हमारे जिलों के पुलिस ने अच्छा काम किया है. उन्होंने सही वेरिफिकेशन किया इसलिए ऐसे लोग पकड़ में आएं हैं. अभी इस मामले में विवेचना जारी है. जिस जिले में मामले सामने आ रहे हैं वहां FIR दर्ज हो रही है.
ग्वालियर: पांच युवकों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज
बता दें कि ग्वालियर में हुए आरक्षक भर्ती परीक्षा 2023 में फर्जीवाड़े का यह मामला सामने आया है. परीक्षा में मुरैना, श्योपुर व शिवपुरी के पांच अभ्यर्थियों ने दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा कर अपने स्थान पर सॉल्वर से परीक्षा दिलाई थी. जब नियुक्ति के समय इनके आधार की हिस्ट्री चेक की तो मामला गड़बड़ समझ में आया और मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन मंडल से पूरा रिकॉर्ड तलब किया गया तो लिखित परीक्षा के आवेदन में फोटो और हैंड राइटिंग मिस मैच पाई गई. इसके बाद जांच कमेटी की शिकायत पर इस मामले में पांचों चयनित युवको पर कंपू थाना पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया गया है.
यहां समझिए, पूरा मामला...
दरअसल मध्य प्रदेश में आरक्षक जीडी भर्ती परीक्षा 2023 का आयोजन हुआ था. इसकी लिखित परीक्षा 16 अगस्त से 15 सितंबर 2023 में हुई थी. परीक्षा के बाद चयनित अभ्यर्थियों की सूची भी जारी हो गई थी. जारी की गई सूची में दीपक सिंह रावत निवासी जिला श्योपुर, उमेश रावत निवासी सबलगढ मुरैना, हक्के रावत निवासी नरवर जिला शिवपुरी, इमरान निवासी जौरा मुरैना, विवेक निवासी पोरसा मुरैना का चयन हुआ था. अब नियुक्ति से पहले शासन के नियम का पालन करते हुए उसके आधार की हिस्ट्री खंगाली गई तो उसमें लिखित परीक्षा से पहले और बाद में कई बार इनके आधार की बायोमेट्रिक अपडेशन होने की बात सामने आई.
जांच दल ने जब इन सभी पांच चयनित अभ्यर्थियों के आधार कार्ड की हिस्ट्री खंगाली तो पता लगा कि इन्होंने लिखित परीक्षा से पहले जुलाई 2023 में आधार अपडेट कराया. इसमें फर्जी परीक्षार्थी का फोटो अपडेट कराया गया. इसके बाद अगस्त-सितंबर 2023 को लिखित परीक्षा हुई थी. लिखित परीक्षा के कुछ दिन बाद फिर से अपना आधार में बायोमेट्रिक अपडेट कराया. जब इस मामले की जांच कर रही कमेटी ने मध्य प्रदेश कर्मचारी मंडल से लिखित परीक्षा से संबंधित दस्तावेज व रिकॉर्ड मांगा तो लिखित परीक्षा में आवेदन की फोटो और अभी की फोटो मैच नहीं हुई. कॉपी पर लिखाई भी मैच नहीं की गई. इससे साफ था कि इनके द्वारा आधार पर बायोमेट्रिकल अपडेट में सॉल्वर का फोटो अपडेट कर किसी और से परीक्षा दिलाकर धोखाधड़ी की है. जब फर्जीवाड़ा साफ हुआ तो उप निरीक्षक रघुनंदन शर्मा 14 वीं वाहिनी विसबल ने कंपू थाना पहुंचकर पूरे मामले की शिकायत की थी. इस पर मुरैना के तीन, शिवपुरी व श्योपुर के एक-एक अभ्यर्थी सहित कुल पांच अभ्यर्थियों पर लिखित परीक्षा में धोखाधड़ी करने का मामला दर्ज किया गया है और आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है.
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