MP NEWS: मध्य प्रदेश के उज्जैन में शनिवार को लोकायुक्त टीम ने एक प्रधान आरक्षक को 4500 रुपए की रिश्वत लेते हुए ट्रैप किया है. आरोप है कि पुलिसकर्मी ने एक युवक से केस दर्ज नहीं करने को लेकर रिश्वत मांगी थी. खास बात यह है कि लोकायुक्त टीम ने कारवाई के दौरान आरोपी पुलिसकर्मी की पेंट भी उतरवाकर जब्त की है.
लोकयुक्त डीएसपी सुनिल तालान ने बताया कि नागदा स्थित बिरला ग्राम निवासी बृजेश विश्वकर्मा और एक अन्य के बीच रुपए के लेन-देन को लेकर विवाद था. मामले में एक व्यक्ति द्वारा बृजेश के खिलाफ बिरला ग्राम थाने में आवेदन देने पर यहां पदस्थ प्रधान आरक्षक योगेन्द्र सेंगर ने मामले में एफआईआर दर्ज नहीं करने के एवज में उप निरीक्षक आनंद सोनी को देना बताते हुए बृजेश से 4500 रुपए रिश्वत मांगी थी. इस पर गुरुवार को बृजेश ने उज्जैन लोकायुक्त में शिकायत की.
ऐसे फंसा पुलिसवाला
सेंगर द्वारा बृजेश को शनिवार को रूपये लेकर बुलाने पर डीएसपी राजेश पाठक ने ट्रैप की योजना बनाई और जैसे ही सेंगर ने थाने के सामने बृजेश से रिश्वत ली टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया. मामले में एसआई आनंद सोनी का नाम आया था. उनके खिलाफ भी जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
थाने में उतरवाई प्रधान आरक्षक की पेंट
डीएसपी तालान ने बताया कि प्रधान आरक्षक सेंगर ने रिश्वत में लिए कैमिकल लगे रूपये पेंट की जेब में रख ली थी. इसलिए राशि बरामद करने की बाद कारवाई के लिए बिरलाग्राम थाने ले गए. रिश्वत में दिए नोट पर केमिकल पेंट पर भी लगने पर प्रधान आरक्षक की पेंट उतरवा कर जब्त की है, हालांकि उन्हें दूसरी पेंट मंगवा कर दी. मामले में सेंगर पर भ्रष्टाचार अधिनियम में प्रकरण दर्ज किया है. कारवाई में विशाल रेशमिया, इसरार, श्याम शर्मा, संदीप कदम सहित 10 सदस्यों की टीम शामिल थी.
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