MP हाईकोर्ट ने सिविल जज भर्ती परीक्षा नियमों को चुनौती देने वाली 15 याचिकाओं को किया खारिज, ये है पूरा मामला

MP News: जबलपुर हाईकोर्ट (Jabalpur High Court) ने सिविल जज भर्ती प्रक्रिया नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि न्याय हित और जनहित में संशोधित नियम पूरी तरह उचित हैं.

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फाइल फोटो

MP High Court News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) ने सिविल जज भर्ती परीक्षा नियमों (Civil Judge Recruitment Rules) को चुनौती देने वाली 15 याचिकाएं खारिज कर दिया है. चीफ जस्टिस रवि मलिमथ (Chief Justice Ravi Malimath) और जस्टिस विशाल मिश्रा (Justice Vishal Mishra) की खंडपीठ ने यह फैसला सुनाते हुए कहा कि न्याय हित और जनहित में संशोधित नियम पूरी तरह उचित हैं. बता दें कि कोर्ट ने 20 फरवरी को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. दरअसल, सिविल जज भर्ती प्रक्रिया (Civil Judge Recruitment Process) के नियमों को संशोधित किया गया था. जिसको लेकर कई याचिकाएं हाईकोर्ट में दायर हुई थीं.

ये हैं नए नियम

नरसिंहपुर की वर्षा पटेल व अन्य की ओर से याचिकाएं दायर कर मध्य प्रदेश सिविल जज (जूनियर डिवीजन) भर्ती नियमों की वैधानिकता को चुनौती दी गई थी. संशोधित नियम के तहत एलएलबी परीक्षा में बिना एटीकेटी के 70 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण करना अथवा तीन वर्ष के वकालत के अनुभव के साथ सिविल जज परीक्षा के लिए पात्रता निर्धारित की गई है. साक्षात्कार में 50 अंको में से 20 अंक अर्थात 40 फीसदी अंक प्राप्त करने की अनिवार्यता है.

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ओबीसी आरक्षण का भी था मुद्दा

हालांकि, हाईकोर्ट की अनुशंसा पर राज्य सरकार ने 23 जून 2023 को संशोधन करके ओबीसी वर्ग के लिए सभी योग्यताएं अनारक्षित वर्ग के समतुल्य कर दी थीं. न्यायिक सेवा में ओबीसी को मात्र 14 फीसदी आरक्षण दिया गया है. इसके अलावा हाईकोर्ट ने किसी भी नियम की चुनौती को स्वीकार नहीं किया है.

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