Madhya Pradesh High Court News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (MP High Court) की इंदौर खंडपीठ (Indore Bench) ने नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार (Leader of Opposition Umang Singhar) के खिलाफ दायर हुई चुनाव याचिका में चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है. दरअसल, गंधवानी सीट से बीजेपी प्रत्याशी रहे सरदार मीणा (Sardar Meena) ने उमेश सिंघार पर आरोप लगाया था कि उन्होंने चुनाव के समय मतदाताओं को प्रलोभन दिया और नाम निर्देशन पत्र में अपनी जानकारी छुपाई. सरदार मीणा ने हाईकोर्ट में दायर याचिका में मांग की है कि उमेश सिंघार का निर्वाचन रद्द किया जाए. इसी याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट (High Court) ने नोटिस जारी करते हुए उमंग सिंघार से चार हफ्ते के भीतर जवाब मांगा है.
बता दें कि मध्य प्रदेश में हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार और बीजेपी प्रत्याशी रहे सरदार मीणा आमने सामने थे. दोनों ने धार जिले की गंधवानी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था.
हाईकोर्ट की सिंगल बेंच में हुई सुनवाई
बीजेपी उम्मीदवार रहे सरदार मीणा के अधिवक्ता निमेष पाठक ने बताया कि उनके द्वारा एक याचिका जबलपुर हाईकोर्ट में लगाई गई थी. जिसमें उमंग सिंघार का विधानसभा चुनाव शून्य घोषित करने की मांग की गई है. इस याचिका को जबलपुर हाईकोर्ट ने इंदौर खंडपीठ को ट्रांसफर कर दिया था. इसी याचिका पर शुक्रवार को जस्टिस विजय शुक्ला की बेंच मे सुनवाई हुई. इसके बाद न्यायालय ने इस मामले में जवाब देने के लिए कांग्रेस विधायक एवं नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार को चार सप्ताह का वक्त दिया है.
याचिका में कही ये बात
अधिवक्ता निमेष पाठक ने बताया कि इस मामले में सीधे तौर पर कांग्रेस विधायक एवं मध्य प्रदेश के नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने चुनाव जीतने के लिए मतदाताओं को प्रलोभन दिया था. इसके सबूत न्यायालय में पेश किए गए हैं. साथ ही साथ उनके द्वारा अपने नाम निर्देशन पत्र में जानकारी छुपाई गई थी. उससे भी न्यायालय को अवगत कराया गया है.
यह भी पढ़ें - स्वर्णरेखा नदी: जज की अफसरों को फटकार- अमृतकाल का स्वर्ग दिखाकर मूर्ख बना रहे हैं? CBI जांच करा दूंगा
यह भी पढ़ें - युवा कांग्रेस के नए अध्यक्ष ने बीजेपी को कहा दीमक, भाजपाइयों को बताया रावण का अनुयायी