MP News: भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की टेंशन बना बैंक लोन! हाईकोर्ट में निर्वाचन को दी गई चुनौती

Jabalpur High Court: ध्रुव नारायण सिंह का आरोप है कि इस संबंध में उन्होंने चुनाव अधिकारी को तत्काल बताया था लेकिन चुनाव अधिकारी ने उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया था. याचिका में कहा गया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सभी दलों के एवं निर्दलीय उम्मीदवार को अपने आपराधिक तथा वित्तीय स्थिति का विवरण देना आवश्यक है.

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Madhya Pradesh High Court: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) की एक विधानसभा के विधायक की मुश्किलें बढ़ सकती हैं. क्योंकि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (Madhya Pradesh High Court) में उनके निर्वाचन को लेकर चुनौती दी गई है. ये विधायक (Member of the Madhya Pradesh Legislative Assembly) कांग्रेस पार्टी (Congress Party) के आरिफ मसूद (Arif Masood) हैं, जोकि भोपाल के मध्य क्षेत्र से विधायक चुने गए हैं. अब हाई ने इनको लेकर नोटिस (High Court Notice) जारी किया है, जिसका जवाब 14 मई तक देना है.

किसने दायर की है याचिका?

ये याचिका भारतीय जनता पार्टी (BJP) की ओर से विधानसभा चुनाव (Assembly Election 2023) में उम्मीदवार रहे (BJP Candidate) ध्रुव नारायण सिंह ने याचिका दायर की है. हाई कोर्ट (MP High Court) में हुई सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति विवेक अग्रवाल (Justice Vivek Aggarwal) की कोर्ट ने विधायक (MLA) आरिफ मसूद को नोटिस जारी किया हैं. अगली सुनवाई 14 मई को होगी तब तक मसूद को जबाब पेश करना है.

मामला क्या है?

विधानसभा चुनाव 2023 में भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार रहे ध्रुव नारायण सिंह ने आरिफ मसूद पर 2023 के विधानसभा चुनाव के नामांकन (Assembly Election Nominations) में जो हलफनामा प्रस्तुत किया था. उसमें लोन से जुड़ी सही जानकारी न देने का आरोप लगया है. आरोप है कि मसूद ने 65 लाख 38 000 से ज्यादा लोन की जानकारी निर्वाचन आयोग को नहीं दी थी.

आरिफ मसूद पर 34 लाख 10 हजार का है लोन

BJP उम्मीदवार रहे ध्रुव नारायण सिंह ने अपनी याचिका में बताया है कि निर्वाचन आयोग (Election Commission) को आरिफ मसूद और उनकी पत्नी रुबीना मसूद पर लगभग 65 लाख 38 हजार रुपये से अधिक के लोन की जानकारी नहीं दी गई है. इसमें रुबीना मसूद पर 31,28,000 रुपये और आरिफ मसूद पर 34,10,000 रुपये का है.

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ध्रुव नारायण सिंह का आरोप है कि इस संबंध में उन्होंने चुनाव अधिकारी को तत्काल बताया था लेकिन चुनाव अधिकारी ने उनकी आपत्ति को खारिज कर दिया था. याचिका में कहा गया है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत सभी दलों के एवं निर्दलीय उम्मीदवार को अपने आपराधिक तथा वित्तीय स्थिति का विवरण देना आवश्यक है.

हाईकोर्ट जस्टिस विवेक अग्रवाल ने याचिका की सुनवाई करते हुए नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. याचिका पर अगली सुनवाई 4 सप्ताह बाद निर्धारित की गयी है.

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