ग्वालियर पुलिस के शिकंजे में आया गोवा, मुंबई, दिल्ली में वारदात करने वाला अंतरराज्यीय चोर, ऐसे करता था अपराध

Gwalior News: पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान आरोपी जितेंद्र हर वारदात के बाद पकड़े जाने पर पुलिस को एक इमोशनल स्टोरी सुनाता था. इस बार जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसकी दोस्त की बहन की शादी के लिए पैसा इकट्ठा करना है इसलिए वह चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है. पूछताछ के दौरान यह भी खुलासा हुआ...

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Crime News: ग्वालियर पुलिस (Gwalior Police) के शिंकजे में एक ऐसा अनोखा अंतरराज्यीय चोर आया है, जिसने मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के अलावा गोवा (Goa), मुंबई (Mumbai), दिल्ली (Delhi) जैसे बड़े शहरों में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. हर चोरी की वारदात के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार भी किया है, लेकिन पुलिस (Police) चोरी के माल का 50% ही बरामद कर पाई है. वहीं यह चोर जेल (Jail) से बाहर आकर महज सात दिन के बाद नई गैंग (Gang) के साथ फिर से चोरी की वारदात को अंजाम देता है.

Trainee IPS ने कहा- ग्वालियर में मिली बड़ी सफलता

ट्रेनी IPS अनु बेनीवाल इन दिनों बिजौली थाना की प्रभारी हैं, उन्होंने बताया कि ग्वालियर शहर के ग्रामीण थाना बिजौली की हद में आने वाले गांव खेड़ी में 22 मार्च के दिन दाताराम नामक व्यक्ति और उसके परिवार को बंधक बनाकर लाखों रुपए के सोने (Gold)-चांदी (Silver) के आभूषण चोरी करने की वारदात हुई थी.

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इस मामले में पुलिस ने शातिर चोर जितेंद्र कुशवाहा को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से चोरी के लगभग 40 लाख रुपए कीमत के सोने-चांदी के आभूषण (Gold and Silver Jewelery) बरामद किए. पुलिस को यह सफलता पहली बार हाथ लगी है, क्योंकि इससे पहले जब-जब जितेंद्र पुलिस के हाथ लगा तब चोरी का 50% माल ही बरामद हुआ.

ऐसे पुलिस के चंगुल से निकलता था आरोपी

पुलिस का कहना है कि पूछताछ के दौरान आरोपी जितेंद्र हर वारदात के बाद पकड़े जाने पर पुलिस को एक इमोशनल स्टोरी सुनाता था. इस बार जितेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसकी दोस्त की बहन की शादी के लिए पैसा इकट्ठा करना है इसलिए वह चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहा है. पूछताछ के दौरान यह भी खुलासा हुआ है कि जितेंद्र हर चोरी की वारदात में एक नई गैंग बनाता है. पकड़े जाने पर 50% माल पुलिस को बरामद भी करा देता है और 50% अपनी जमानत और लग्जरी लाइफ बितने के लिए रखता है. इसलिए उसकी गैंग का हर गुर्गा उसके पकड़े जाने के बाद जमानत के लिए तैयार रहता है और सलाखों के पीछे जितेंद्र ज्यादा से ज्यादा एक हफ्ता से ज्यादा नहीं टिकता. इसके बाद जमानत पर बाहर आते ही आरोपी नई गैंग के साथ फिर से चोरी की वारदात करने के लिए निकल पड़ता है.

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