
MP Politics: मध्य प्रदेश के सागर जिले की राजनीति इन दिनों अलग ही मोड़ पर पहुंच चुकी है. नेताओं के बीच का मनमुटाव अब सिर्फ मन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि अब वह सार्वजनिक मंचों और मीडिया के माध्यम से जुबान पर भी आ चुका है. एक के बाद एक तीखे बयान और आरोप-प्रत्यारोप से सियासी माहौल गर्म होता जा रहा है.
हाल ही में खुरई विधानसभा से विधायक और पूर्व गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह के बयान ने इस सियासी तकरार को नया मोड़ दे दिया है. खुरई में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से चर्चा करते हुए भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि कुछ भाजपाई, जो कांग्रेस से आए हैं, वे खुरई के विकास को रोकने के लिए तरह-तरह की साजिशें रच रहे हैं. उन्होंने कहा कि ये लोग सिर्फ बैठकें ही नहीं करते, बल्कि पूजा-पाठ और तंत्र क्रियाएं (जादू-टोना) भी करवा रहे हैं.
विरोधियों पर बरसे
विधायक भूपेंद्र सिंह ने कहा, "चाणक्य ने कहा है कि जब सारे चोर एक साथ हो जाएं, तो समझ लो राजा ईमानदार है. मेरे विरोधी भी यही साबित कर रहे हैं. वे रात 9 बजे के बाद लाक्षागृह जैसे स्थानों पर बैठकर योजनाएं बनाते हैं कि विकास कैसे रोका जाए, और मेरे खिलाफ बाधाएं कैसे खड़ी की जाएं."
भूपेंद्र सिंह के इस बयान से जिले की राजनीति में हलचल मच गई है. आरोप बेहद गंभीर हैं और यह दर्शाते हैं कि भारतीय जनता पार्टी में अंदरूनी खींचतान अब सार्वजनिक मंचों तक पहुंच चुकी है.
विवाद और भी...
इसी बीच, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम तिवारी और सागर की महापौर संगीता तिवारी के बीच चल रहा विवाद भी थमता नजर नहीं आ रहा. एमआईसी सदस्य के बदलाव को लेकर अध्यक्ष द्वारा लिखी गई चिट्ठी में उपयोग किए गए एक शब्द को लेकर संगठन में बवाल मच गया है. हालांकि महापौर संगीता तिवारी ने अपनी गलती स्वीकार कर संगठन को जवाब भी सौंप दिया है, लेकिन अभी तक संगठन की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.
पार्टी अनुशासन और एकजुटता की मिसाल मानी जाने वाली भाजपा में इस तरह की सार्वजनिक बयानबाज़ी और आरोप-प्रत्यारोप, संगठन की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि आगामी चुनावों से पहले पार्टी को आंतरिक मतभेदों को सुलझाना होगा, वरना इसका सीधा असर जनभावनाओं और पार्टी की छवि पर पड़ सकता है.
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