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MP News: मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ उजागर, 22 करोड़ रुपये ऐसे डकार गए  भ्रष्ट

Corruption in Madhya Pradesh: मध्य प्रदेश के छतरपुर से मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना 2023 में गंभीर भ्रष्ठाचार होने की खबर है. आरोप है कि सेवार समिति प्रबंधक ने यहां के 20 आदिवासियों के नाम पर करोड़ों का खेल कर दिया.

MP News: मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ उजागर, 22 करोड़ रुपये ऐसे डकार गए  भ्रष्ट

Corruption in MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना 2023 (Chief Minister Farmer Interest Waiver Scheme 2023) में बड़ा घोटाला (Scam) सामने आया है. मामले का खुलासा होने के बाद लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) जांच में जुट गई है. इस संबंध में लोकायुक्त पुलिस सागर (Sagar) ने पत्र लिख कर जिला सहकारी बैंक घुवारा से इस संबंध में आरोपियों से संबंधित जानकारी मांगी है. लोकायुक्त पुलिस ने लिखा है कि सेवा निवृत्त वरिष्ठ सहकारी निरीक्षक छतरपुर आरके शर्मा ने आरबी पटैरिया महाप्रबंधक, शाखा प्रबंधक घुवारा, समिति प्रबंधक और अध्यक्ष शाख सहकारी के खिलाफ मुख्यमंत्री कृषक ब्याज माफी योजना 2023 में करीब 22 करोड़ के गबन और भ्रष्टाचार करने की शिकायत की है. लिहाजा, इस शिकायत की जांच के लिए लोकायुक्त के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने घुवारा सहकारी बैंक के प्रबंधक से जानकारी मांगी है.

कुटौरा के 20 आदिवासियों के नाम पर करोड़ों का खेल

छतरपुर कुटौरा गांव घुवारा समिति के अंतर्गत आता है. इसके बावजूद सेवार समिति प्रबंधक ने यहां के 20 आदिवासियों के नाम पर करोड़ों का खेल कर दिया. आरोप है कि इन आदिवासियों के नाम से बैंक मैनेजर ने बचत खाते खोल कर राशि निकाल ली. अब इन 20 आदिवासियों ने इस बात की शिकायत की है. जांच का विषय तो यह है कि जब कुटौरा गांव घुवारा समिति के अंतर्गत आता है, तो फिर सेवार समिति के भ्रष्ट अफसरों ने यहां भ्रष्टाचार का खेल कैसे किया गया?

इन बिंदुओं की मांगी गई जानकारी

अब इस मामले की शिकायत के बाद लोकायुक्त पुलिस ने घुवारा, सेवार, रामटौरिया, बमनौरा, भगवां, पनवारी और सरकना समितियों की 31 मार्च 2023 की तारीख में कृषकों पर बकाया ऋण डिमांड सूचियां उपलब्ध कराने के लिए कहा है. इसके साथ ही ऋण वितरण की तारीख, मूल ऋण की राशि और ब्याज राशि कृषक वार देने के लिए कहा है. इसके साथ ही इन सूचियों पर समिति प्रबंधक के हस्ताक्षर के साथ ही स्पष्ट नाम और सील लगा कर देने के लिए कहा गया है.
इसके अलावा शासन को भेजे गए कृषक वार 31 मार्च 2023 की तारीख में डिफाल्टर कृषकों की ऋण वितरण, मूल ऋण और ब्याज सहित ब्याज माफी के लिए भेजी गई प्रमाणित सूचियां और शासन से प्राप्त कृषक वार ब्याज माफी राशि की सूचियां समिति प्रबंधक और शाखा प्रबंधक की ओर से प्रमाणित कर देने के लिए कहा गया है.

लोकायुक्त ने कर दी एक-एक जानकारी की मांग

लोकायुक्त ने कृषकों के एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2024 तक के डीएमआर खातों की प्रमाणित प्रतियां की भी मांग की है, जिसमें ब्याज माफी की राशि दर्ज की गई है. बिंदु 4 में सात समितियों की ओर से शासन को जमा की गई ब्याज माफी राशि के लिए खोले गए चालू खातों की प्रमाणित प्रतियों को उपलब्ध कराने के लिए कहा है. बिंदु 5 के तहत, मप्र शासन के सहकारिता विभाग के 12 जून 2023 के आदेश के मुताबिक यूटिलिटी पोर्टल पर कृषक वार डाटा की पुष्टि के लिए शाखा प्रबंधक और समिति प्रबंधकों के हस्ताक्षर वाले प्रमाण पत्र और ब्याज गणना पत्रक की प्रमाणित प्रतियां अपलोड करने के लिए कहा गया है.

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बिंदु 6 में सरकार की ब्याज माफी योजना में 2021-22 और 2022-23 में मिले कृषक वार ब्याज अनुदान की जानकारी, बैंक और समिति के खातों में जमा राशि की जानकारी देने के लिए कहा है. बिंदु 7 के तहत 11 मई 2023 और 12 जून 2023 के शासन आदेशों के संदर्भ के मुताबिक समिति प्रबंधक, शाखा प्रबंधक, और मुख्य कार्यपालन अधिकारी की ब्याज माफी योजना में भूमिका की स्पष्ट जानकारी मांगी गई है.

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