MP में सिरप के बाद टैबलेट कांड! लाखों बच्‍चों को टेस्ट में फेल हुई दवा खिलाई, कौन देगा इन सवालों के जवाब?

MP News in Hindi: इस बड़ी लापरवाही ने स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों समेत ड्रग कंट्रोलर की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. आखिर अस्पतालों में भेजी जाने वाली दवा की जांच पहले क्यों नहीं कराई गई.

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MP Health Department Major Blunder: मध्यप्रदेश में कफ सिरप से 23 बच्चों की मौत का मामला अभी थमा भी नहीं है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग (MP Health Department) की एक और बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिसमें लाखों स्कूली, आंगनवाड़ी और अन्य संस्थाओं के बच्चों को टेस्ट में फेल हुई एल्बेंडाजोल की टैबलेट (Albendazole Tablet) खिला दी गई. कृमि अभियान के तहत 23 और 26 सितंबर को बच्चों को यह टैबलेट दी गई. लेकिन, इसके बाद इसी टैबलेट का एक बैच अमानक पाया गया. रिपोर्ट सामने आने के बाद 6 अक्टूबर को अशोकनगर सीएमएचओ (Ashoknagar CMHO) ने आदेश जारी कर टैबलेट के वितरण पर रोक लगाई. एल्बेंडाजोल 400MG टैबलेट का जो बैच अमानक पाया गया उसका नंबर B251362 है.

यह सामान्य प्रक्रिया

कृमि महाअभियान में हुई इतनी बड़ी लापरवाही को लेकर अशोकनगर सिविल सर्जन से बात करने का प्रयास किया गया. लेकिन, वह कैमरे पर बोलने से मना करते नजर आए. ऑफ कैमरा उन्होंने इसे सामान्य प्रक्रिया बताया.

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डर से लगा लिया ताला

अमानक टैबलेट अशोकनगर जिले में कितनी आईं और कहां-कहां वितरण की गई, यह जानकारी जुटाने के लिए NDTV की टीम जिला भंडार गृह पहुंची तो यहां मौजूद स्टोर कीपर और अन्य कर्मचारियों ने चैनल गेट में अंदर से ताला लगा लिया. सभी इस मामले में कुछ भी कहने से बचते नजर आए.

दवा की जांच पहले क्यों नहीं कराई?  

इस बड़ी लापरवाही ने स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों समेत ड्रग कंट्रोलर की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. आखिर अस्पतालों में भेजी जाने वाली दवा की जांच पहले क्यों नहीं कराई गई. अभियान चलाकर लाखों बच्चों को यह टैबलेट बांट दी गई, जांच रिपोर्ट में दवा के फेल होने पर अशोकनगर सीएमएचओ ने वितरण पर रोक लगाने की खानापूर्ति कर दी.

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कोई भी कुछ कहने को तैयार नहीं

हैरानी की बात यह भी है कि अशोकनगर जिले में स्वास्थ्य विभाग का कोई भी जिम्मेदार व्यक्ति इस पूरे मामले में कुछ भी कहने को तैयार नहीं है. कितने बच्चों को इस अमानक बैच नंबर की टैबलेट खिलाई गई, यह भी नहीं बताया जा रहा है. गनीमत की बात यह है क‍ि अभी तक इस टैबलेट के सेवन से किसी भी बच्चे में साइड इफेक्ट का कोई मामला सामने नहीं आया है.

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कौन देगा इन सवालों के जवाब?

  • प्रदेश के करोड़ों बच्चों और वयस्कों को टैबलेट खिलाने से पहले उसकी जांच क्‍यों नहीं कराई गई?
  • अशोकनगर सहित पूरे प्रदेश में बैच नंबर B251362 की कितनी टैबलेट बांटी गई?
  • जिन बच्चों को अमानक टैबलेट खिलाई गई क्‍या उनके स्‍वास्‍थ्‍य की जांच कराई जाएगी या नहीं?
  • बच्‍चों के स्‍वास्‍थ्‍य से जुड़ी इस बड़ी लापरवाही के जिम्‍मेदारों पर सरकार कोई एक्‍शन लेगी या फिर मामला ऐसे ही दबा दिया जाएगा?

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