Madhya Pradesh Assembly Election: मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के ऐलान के बाद आचार संहिता लागू कर दी गई है. इसके साथ ही चुनाव आयोग ने चुनाव में होने वाले खर्च की लिमिट भी तय कर दी है. इस बार के चुनाव में विधायकी के लिए लड़ने वाले नेताओं के लिए खर्च की लिमिट तय कर दी गई है. नेताओं को चुनाव के दौरान हुए खर्च के पाई-पाई का हिसाब देना होगा. वहीं, दूसरी ओर आचार संहिता लगने के बाद राजधानी भोपाल में नगर निगम और पुलिस द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई की जा रही है.
विधानसभा चुनाव में खर्च की लिमिट तय
चुनाव आयोग ने विधायकी के लिए मैदान में उतरने वाले नेताओं के लिए खर्च की लिमिट तय कर दी है. आयोग के मुताबिक कोई भी नेता चुनाव में 40 लाख रुपये से ज्यादा खर्च नहीं कर सकता है. उन्हें चुनाव के दौरान हुए खर्च के पाई-पाई का हिसाब देना होगा. चुनाव आयोग ने खाने-पीने, टेंट, मिठाई, ग्राफिक्स, प्रिंटिंग, इलेक्ट्रिक सामान समेत अन्य सामान के रेट तय कर दिए हैं. नेताओं को इसी रेट के अनुसार चुनाव में खर्च करना होगा.
अधिकतम 4 फॉर्म भर सकते हैं प्रत्याशी
चुनाव आयोग ने बताया कि निर्वाचन के लिए प्रत्याशी अधिकतम 4 फॉर्म भर सकते हैं. प्रत्याशियों को नामांकन भरते समय 10 हजार रुपये फीस देनी होगी. SC/ST प्रत्याशियों लिए यह फीस 5 हजार रुपये होगी. इसके साथ ही उम्मीदवारों को अपने क्रिमिनल रिकॉर्ड की जानकारी देनी होगी, जिससे वोटर्स के पास ऐसे उम्मीदवारों के बारे में जानने के लिए पर्याप्त समय हो. राजनीतिक दलों को समाचार पत्र और टीवी चैनल के माध्यम से क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार के चयन का आधार बताते हुए 3 अलग-अलग तारीखों में उद्घोषणा प्रकाशित करानी होगी. इसके साथ ही आयोग ने बताया किि रात 10 बजे से सुबह 6 बजे तक लाउडस्पीकर का उपयोग रोक रहेगी.
आचार संहिता लगने के बाद भोपाल में हुई ताबड़तोड़ कार्रवाई
मध्य प्रदेश में आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद राजधानी भोपाल में पुलिस और नगर निगम द्वारा ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई. भोपाल पुलिस ने आचार संहिता लागू होने के 24 घंटे के भीतर 1 लाख 9 हजार 630 रुपए जब्त किए. ये पैसे रायसेन बायपास पर चेकिंग के दौरान जब्त किए गए. इसके साथ ही पुलिस ने करीब 29 गाड़ी मालिकों पर कार्रवाई की. इन गाड़ियों से हूटर, सायरन, नंबर प्लेट पर नंबर के अलावा राजनीतिक पद, चिन्ह और नाम लिखे प्लेट को हटाया गया. पुलिस ने बताया कि राज्यमंत्री की प्लेट लगाकर घूम रहे ड्राइवर का भी चालान काटा गया. वहीं दूसरी ओर भोपाल नगर निगम ने करीब 2024 फ्लेक्स, बैनर और झंडे हटाए.
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