MP Assembly Election 2023: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) 17 नवंबर को मतदान (MP Assembly Election 2023) होना है. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फिर से प्रदेश में सरकार बनाने के लिए कमर कस ली है. वहीं प्रत्याशी अपने विधानसभा के चुनाव जीतने के लिए पूरी जोर लगा रहे हैं. इधर, ग्वालियर में भाजपा ने अपने वर्तमान विधायक और प्रदेश के ऊर्जामंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को ही मैदान में उतार दिया है.
हमेशा से सुर्खियों में रहने वाले तोमर ने अपना चुनाव प्रचार भी अपने ही अंदाज में शुरू कर दिया है. तोमर वोट मांगते समय हर घर से एक-एक रुपया मांग रहे हैं और भोजन का समय होने पर किसी के भी घर में ही खाना मांगकर खा रहे हैं.
सबसे मांगते है एक रुपये का कलदार
दरअसल, बीजेपी प्रत्याशी प्रद्युम्न सिंह तोमर (Pradhuman Singh Tomar) 18 अक्टूबर की सुबह अपने समर्थकों के साथ अपने ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में डोर टू डोर जनसंपर्क के लिए निकलें. इस दौरान तोमर हर घर में मिलने वाले बुजुर्गों और महिलाओं के चरण छूकर आशीर्वाद मांगते हुए नजर आए. साथ ही उन्होंने फिर से चुनाव जीताने के लिए एक रुपया मांगते हुए दिखें. बता दें कि तोमर इसे क्षेत्र के लोगों का आशीर्वाद मानते हैं.
प्रचार अभियान के दौरान लोगों से मांगकर खाते हैं खाना
प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने प्रचार अभियान के दौरान खाना और पानी साथ लेकर नहीं चलते हैं, बल्कि लोगों से मांगकर ही पानी पीते हैं और खाना खाने का समय होने पर किसी के भी घर में जाकर महिलाओं से खाना मांगते हैं और वहीं जमीन पर बैठकर भोजन करते हैं. दरअसल, तोमर जनसंपर्क करते हुए स्लम्स बस्ती पहुंचे और उसी बस्ती में रहने वाले त्रिवेणी बाथम के घर पहुंचे. प्रद्युम्न सिंह तोमर बाथम के घर पहुंचकर उसके परिजनों से कहा- खाना बन गया हो तो दे दो. इसके बाद उन्होंने त्रिवेणी बाथम के घर के आंगन में बैठकर भोजन किया.
खुद नाले की सफाई की, जूते पहनना भी छोड़ चुके तोमर
ये पहली बार नहीं है जब तोमर अपने ऐसे कामों के लिए चर्चा में आये हैं, बल्कि इससे पहले भी कई बार सुर्खियों में आ चुके हैं. दरअसल, इससे पहले प्रद्युम्न सिंह तोमर अपने क्षेत्र के नाले-नालियों को खुद सफाई कर सुर्खियों में आ गये थे. इसी तरह तोमर अपने विधानसभा क्षेत्र में खुदाई की हुई सड़कों का निर्माण समयसीमा पर नहीं होने से नाराज होकर उन्होंने सड़क नहीं बनने तक पैरों में जूते चप्पल नहीं पहनने का ऐलान कर सबको चौंका दिया था. हालांकि कई महीनों तक नंगे पांव चलने के बाद केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उन्हें खुद अपने हाथों से चप्पल पहनाई थी.