Off Beat News in Hindi : मध्य प्रदेश के बैतूल (Baitul) में जन्मे और बुरहानपुर में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, डॉ. मोनिश गुप्ता ने नई दिल्ली के एम्स से MBBS की पढ़ाई की और फिर देश के प्रतिष्ठित PGI मेडिकल कॉलेज, चंडीगढ़ से स्त्री रोग (गाइनोकॉलजी) में MD की डिग्री हासिल की. इस डिग्री में प्रथम स्थान हासिल करने पर उन्हें हाल ही में भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति डॉ. डी. वाय. चंद्रचूड़ की तरफ से सम्मानित किया गया. डॉ. मोनिश गुप्ता की इस उपलब्धि ने न केवल बुरहानपुर और बैतुल का, बल्कि पूरे मध्यप्रदेश का गौरव बढ़ाया है.
डॉ. मोनिश गुप्ता का हुआ स्वागत
गुप्ता की इस सफलता पर, बुरहानपुर के 'ऑल ईज वेल मल्टिस्पेशलिटी हॉस्पिटल' के संचालक कबीर चौकसे और अन्य स्टाफ ने उनका स्वागत किया और उन्हें बधाई दी. डॉ. मोनिश गुप्ता ने बताया कि अक्सर माता-पिता गर्भ में पल रहे अपने बच्चों की जेनेटिकल और जटिल बीमारियों को लेकर चिंतित रहते हैं. यदि किसी बच्चे में जन्म के बाद कोई विकार पाया जाता है, तो इसे ईश्वर की मर्जी या जेनेटिकल बीमारी मान लिया जाता है, जिससे माता-पिता अगला बच्चा प्लान करने में भी हिचकिचाते हैं.
महत्वपूर्ण खोज से मिली नई दिशा
लेकिन अब चिकित्सा विज्ञान में प्रगति के चलते, गर्भ में पल रहे बच्चे का भी इलाज संभव हो गया है. जैसे जीवित व्यक्ति या बच्चे में खून की कमी होने पर उसे खून चढ़ाया जाता है, वैसे ही गर्भ में पल रहे बच्चे में खून की कमी होने पर गर्भ में ही उसे खून चढ़ाया जा सकता है. डॉ. मोनिश गुप्ता ने बताया कि अब गर्भ में पल रहे बच्चों का भी इलाज संभव है, जिससे माता-पिता को चिंतित होने की आवश्यकता नहीं है. उनकी इस महत्वपूर्ण खोज और चिकित्सा में योगदान ने मध्य प्रदेश को गौरवान्वित किया है.
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