MP Digital Arrest- परमाणु ऊर्जा विभाग से जुड़े एक संस्थान के कर्मचारी से जालसाजों ने "डिजिटल अरेस्ट" के तरीके का इस्तेमाल करके 71 लाख रुपये ठग लिए. शुक्रवार को मध्य प्रदेश के इंदौर में एक पुलिस अधिकारी ने यह जानकारी दी. डिजिटल गिरफ्तारी साइबर धोखाधड़ी का एक नया तरीका है, जिसमें जालसाज ऑडियो या वीडियो कॉल करते हैं, कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर पीड़ितों को ठगते हैं.
अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त राजेश दंडोतिया ने बताया, "राजा रमन्ना एडवांस्ड टेक्नोलॉजी सेंटर (आरआरसीएटी) में वैज्ञानिक सहायक के रूप में काम करने वाले गिरोह के एक सदस्य ने 1 सितंबर को पीड़ित को फोन किया और खुद को भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) का अधिकारी बताया.
इस नकली ट्राई अधिकारी ने दावा किया कि दिल्ली से उसके नाम से जारी सिम कार्ड के जरिए लोगों को महिला उत्पीड़न से संबंधित अवैध विज्ञापन और टेक्स्ट संदेश भेजे गए." दंडोतिया ने बताया, "उसने पीड़ित को बताया कि मनी लॉन्ड्रिंग और मानव तस्करी से जुड़े एक मामले में उसके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया है.
डर की वजह से दे दिए 71 लाख...
गिरोह के एक अन्य सदस्य ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और वीडियो कॉल के जरिए आरआरसीएटी कर्मचारी और उसकी पत्नी से फर्जी पूछताछ की. डर के मारे उसने आरोपियों द्वारा बताए गए विभिन्न खातों में 71.33 लाख रुपये जमा कर दिए." उन्होंने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के प्रयास जारी हैं.
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