MP CRIME NEWS: मध्य प्रदेश के सतना जिले में लोको पायलेट के अपहरण और हत्या की गुत्थी अंतत: सिटी कोतवाली पुलिस ने सुलझा ली. लगभग छह दिन बाद पुलिस ने इस मामले में तीन युवकों को कट्टा के साथ पकड़ा है. इसमें से एक आरोपी रसिया के किरगिस्तान से एमबीबीएस की डिग्री लेने वाला है, जिसने डिग्री कंफर्मेशन के लिए पैसों का प्रबंध करने के लिए इतनी बड़ी साजिश रची और अपने ही जिगरी दोस्त का खौफनाक तरीके से कत्ल कर दिया.
सिटी कोतवाली पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 21 दिसंबर 2024 को रहस्यमयी तरीके से लापता हुए जीतेन्द्र चौरसिया पिता वीरेन्द्र चौरसिया निवासी राजेन्द्र नगर गली नंबर 10 का शव पन्ना जिले के पवई चांदसी घाट से बरामद हुआ था. आरोपियों ने सिर पर गोली मारकर हत्या की थी और शव को ठिकाने लगा दिया. पुलिस को गुमराह करने के लिए मृतक के फोन से अपने फोन में डायल किया. मगर आरोपियों का खेल पुलिस से ज्यादा देर तक छिपा नहीं रह सका. कड़ाई से पूछताछ करने पर आरोपी धर्मेन्द्र चौरसिया उर्फ डीके पिता अशोक कुमार चौरसिया 35 वर्ष निवासी 271 सुभाष वार्ड गढी मलहरा थाना गढी मलहरा जिला छतरपुर, गुलाब सिंह यादव पिता कोलम सिंह यादव 19 वर्ष निवासी गढी मलहरा थाना गढी मलहरा जिला छतरपुर और पवन प्रजापति पिता रामदयाल प्रजापति 21 वर्ष गढी मलहरा थाना गढी मलहरा जिला छतरपुर को गिरफ्तार कर लिया. जिनके कब्जे से कट्टा, कारतूस, बोलेरो गाडी क्रमांक एमपी 40जेडबी 7337, मृतक जीतेन्द्र के मोबाइल फोन, आई कार्ड व अन्य शासकीय दस्तावेज बरामद किए गए हैं.
चार लोगों ने बनाई थी फिरौती लेने की योजना
पुलिस ने बताया कि धर्मेन्द्र चौरसिया जितेन्द्र का बचपन का मित्र है. वह रसिया किरगिस्तान से एमबीबीएस की पढ़ाई कर डिग्री कन्फर्मेशन के लिए एफ एमजी एग्जाम दे रहा था. किसी दलाल ने उसे यह विश्वास दिलाया कि 50-60 लाख में डिग्री मिल जाएगी. तब उसने अपने साथी गुलाब सिंह यादव पिता कोमल सिंह यादव तथा पवन प्रजापित पिता रामदयाल प्रजापति व अपने चचेरे भाई नीरज चौरसिया के साथ मिलकर जितेन्द्र चौरसिया का अपहरण कर फिरौती एक करोड़ रुपये मांगने की योजना बनाई. योजना के मुताबिक 21 दिसंबर को सतना आया. जीतेन्द्र को घूमने के लिए बुलाया. दोनो ने शराब पी फिर टहलने के लिए मामा-भांजा ढाबा गए.
शराब में मिलाई नींद की गोलियां
जितेन्द्र को अत्यधिक शराब पिलाकर नींद वाली दवा अल्फाजोलम जबरन पिला दिया. जिससे वह अर्धमूर्छित हो गया. तभी वे लोग नागौद की तरफ निकले. तब गुलाव व पवन ने हाथ देकर बोलेरो को रोका. चारो उसी मे बैठकर निकले तभी गुलाब व पवन अपने पास लिए हथियार जितेन्द्र व धर्मेन्द्र के कनपटी पर लगा दिया और बोले कि तुम लोग किडनैप हो गए हो. जैसा कहते हैं, वैसा करो और पवई पन्ना तरफ चल दिए. गुमशुदा जीतेन्द्र मूर्छित होकर बोलेरो पर ही लेटा था. तभी इन लोगो ने आपस मे बात की कि जितेन्द्र के घर वालों से एक करोड रुपये मंगाने मे समय लगेगा. इसे दो-तीन दिन पवई के जंगल मे ही रखेगे. उक्त बातें करते सुनने पर जितेन्द्र ने धर्मेन्द्र से बोला कि तुमने अच्छा नहीं किया. मेरे साथ धोखा किया है और वापस सतना जाने की जिद करने लगा. तब पवई के चांदसी घाट पर जितेन्द्र को उतारकर उसके सिर पर डाक्टर धर्मेन्द्र ने गोली मार दी.
पेड़ से अटक गया शव
शव को पहाड़ी से नीचे फेंका किन्तु पेड़ में शव व उसके कपड़े फंस गए. शव फेंकने के बाद धर्मेन्द्र, गुलाब व पवन कटनी आए. भ्रमित करने के लिए मृतक का फोन चालू कर उसके फोन से कॉल किया व काल अटेंड किया. फिर बोलेरो से ही जबलपुर चले गए. धर्मेन्द्र ने अपने दोनों साथी गुलाब व पवन को गढी मलहरा छतरपुर भेज दिया व स्वयं कटनी आ गया. पुलिस के साथ जितेन्द्र को ढूंढने का नाटक करता रहा. पुलिस द्वारा हिकमत अमली व शख्ती से पूछताछ करने पर पूरी घटना का खुलासा धर्मेन्द्र द्वारा किया गया. जिसकी निशानदेही पर मृतक का शव पवई पन्ना की घाटी से बरामद किया गया, जिसके सिर पर गोली के निशान मिले.
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